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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड निकायों में संविदा, आउटसोर्स और दैनिक वेतन पर काम कर रहे हजारों कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। शुक्रवार को देहरादून में बजट सत्र के दौरान विधायक तिलकराज बेहड़ ने नियम 300 के तहत इस गंभीर मुद्दे को उठाया और सरकार से ठेका प्रथा समाप्त कर कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की।
बेहड़ ने कहा कि पिछले 15-20 वर्षों से निकायों में कार्यरत कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उन्हें अब हटाने का आदेश दिया गया है। 30 नवंबर 2024 को शहरी विकास निदेशालय ने प्रदेश की सभी निकायों को इन कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया था, जिसे बेहड़ ने गलत करार दिया।
विधायक तिलकराज बेहड़:
“यह कर्मचारी शहर की सफाई व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और अन्य आवश्यक कार्यों में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में इन्हें हटाना अन्याय होगा। सरकार को ठेका प्रथा समाप्त कर नियमितीकरण करना चाहिए।”
बेहड़ ने यह भी कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर नियुक्ति हुई थी, जबकि वर्तमान में जनसंख्या कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में निकायों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है, न कि उन्हें हटाने की।
विधायक बेहड़ ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य दांव पर लगा है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।