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ISI की हसीनाओं के हुस्न के जाल में फंसा आर्मी वर्दी स्टोर संचालक, भेजने लगा पाकिस्तानी एजेंट्स को खुफिया जानकारी, पुलिस की इंटेलिजेंस टीम ने इस तरह किया गिरफ्तार…

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“भारत की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक आर्मी वर्दी स्टोर संचालक, भारत की खुफिया जानकारी पाकिस्तानी एजेंट्स को भेजता था, बता दें की राजस्थान की पुलिस की इंटेलिजेंस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है…”

आईएसआई की महिला जासूसों के जाल में फंसा आर्मी वर्दी स्टोर का संचालक पाकिस्तान की तीन महिला जासूसों को सामरिक महत्व की खुफिया जानकारी भेज रहा था. उसे राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. जासूसी का आरोपी सूरतगढ़ आर्मी कैंट के बाहर वर्दी स्टोर चलाता है।

एडीजी (इंटेलिजेंस) संजय अग्रवाल के अनुसार, सामरिक महत्व की सूचना इकट्ठा कर सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी (आईएसआई) की तीन महिला हैंडलर्स को खुफिया जानकारी भेजने के आरोप में कोटपूतली-बहरोड जिले के मांढण निवासी आनंदराज को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी की जासूसी गतिविधियों पर राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है. इस दौरान सूरतगढ़ आर्मी कैंट के बाहर वर्दी स्टोर चलाने वाले आनंद राज के पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी की तीन महिला हैंडलर्स के संपर्क में होने की पुख्ता जानकारी मिली थी। एडीजी संजय अग्रवाल ने बताया कि आर्मी परिसर के पास काम करने और वर्दी स्टोर के माध्यम से आरोपी आनंद राज सैन्यकर्मियों के संपर्क में था. इस कारण उसे सेना के संबंध में जानकारी रहती थी. इंटेलिजेंस जयपुर की टीम ने आनंद राज की गतिविधियों पर नजर रखी तो सामने आया कि वह खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी की तीन महिला हैंडलर्स को भेज रहा था।

 

उन्होंने बताया कि आनंद राज पिछले कुछ समय से वर्दी स्टोर का काम छोड़कर बहरोड क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम कर रहा था. इस दौरान भी वह पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी की महिला हैंडलर से लगातार संपर्क में रहा और अपने स्रोतों से सेना की महत्वपूर्ण एवं गोपनीय जानकारी प्राप्त कर महिला पाक एजेंट को शेयर कर रहा था. गोपनीय सूचनाएं पाक गुप्तचर एजेंसी को भेजने की एवज में इसने पैसों की मांग भी की। पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी सैन्य कर्मियों के साथ-साथ परिसर के आसपास काम करने वाले सिविलियन को निशाना बनाकर सेना के संबंध में गोपनीय जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करती रहती है. इसके लिए मुख्य रूप से महिला हैंडलर्स की ओर से भारतीय मोबाइल नंबरों पर संचालित हो रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स का उपयोग किया जाता है. विशेषकर सैन्य कर्मियों और सेना की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों को हनीट्रैप में फंसा कर उनसे खुफिया जानकारी हासिल की जाती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है।

पुख्ता सबूत मिलने के बाद दबोचा 

एडीजी संजय अग्रवाल ने बताया कि जासूस आनंद राज की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने पर उससे समस्त सुरक्षा एजेंसियों की ओर से संयुक्त पूछताछ की गई और तकनीकी आसूचना हासिल की गई. संयुक्त पूछताछ और उसके मोबाइल फोन के तकनीकी विश्लेषण के बाद मिले साक्ष्य के आधार पर उसके खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।

 

(रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना)


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