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*”दिल्ली HighCourt की जमीन पर AAP का कब्जा”, कैसे दिल्ली हाईकोर्ट की जमीन पर बना लिया आप ने ऑफिस? CJI चंद्रचूड़ को आया गुस्सा, पार्टी बोली- “नहीं कब्जाई कोई जमीन..”*

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गज़ब” हाईकोर्ट की जमीन पर आप पार्टी ने कब्जा कर लिया, और उस जमीन पर आप ने अपना ऑफिस बना लिया, जिसको लेकर चीफ जस्टिस (सीजेआई) का गुस्सा फूट पड़ा, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि ताज्जुब की बात है कि दिल्ली हाईकोर्ट की जमीन पर एक राजनीतिक दल का दफ्तर चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट को ये जमीन ये बंगला लौटाया जाए. क्योंकि ये हाईकोर्ट के पूल में है….दिल्ली उच्च न्यायालय को दी गई जमीन पर किसी राजनीतिक दल का कार्यालय कैसे हो सकता है, सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने मंगलवार को कथित “अतिक्रमण” को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) से यह सवाल किया. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी से राउज एवेन्यू स्थित उसके कार्यालय के बारे में पूछा जो कथित तौर पर मूल रूप से दिल्ली हाईकोर्ट को दी गई जमीन पर बनाया गया था।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता. कोई राजनीतिक दल उस पर कैसे बैठ सकता है? हाईकोर्ट को इस जमीन पर बिना कब्जे वाला कब्ज़ा दिया जाना चाहिए. हाईकोर्ट इसका क्या उपयोग करेगा? केवल जनता और नागरिकों के लिए. फिर भूमि हाईकोर्ट को क्यों आवंटित की गई?

नाराज़ सीजेआई ने ‘आप’ के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील को चेतावनी दी कि ज़मीन उच्च न्यायालय को वापस कर दी जानी चाहिए. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग के सचिव और राष्ट्रीय राजधानी की सरकार के वित्त सचिव को इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाने को कहा। यह निर्देश तब आया है जब मामले में शीर्ष अदालत की सहायता के लिए न्याय मित्र के रूप में नियुक्त अधिवक्ता के. परमेश्वर ने कहा कि एक राजनीतिक दल ने भूमि के एक टुकड़े पर अपना कार्यालय स्थापित किया है. पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। शीर्ष अदालत ने पहले दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में न्यायिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए निविदाएं जारी करने सहित उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. इसने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय और जिला अदालतों को धन उपलब्ध कराने के प्रति अपने ढुलमुल रवैये को लेकर राष्ट्रीय राजधानी की सरकार की आलोचना की थी।

AAP बोली- अतिक्रमित जमीन पर नहीं बनाया दफ्तर

वहीं दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने अतिक्रमित भूमि पर पार्टी दफ्तर बनाने के आरोपों से इनकार किया है. पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘आम आदमी पार्टी दृढ़तापूर्वक और स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार करती है कि दिल्ली के राउज़ एवेन्यू में स्थित पार्टी का राजनीतिक मुख्यालय अतिक्रमित भूमि पर बनाया गया है. हम माननीय न्यायालय के समक्ष दस्तावेज पेश करेंगे, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि यह जमीन दिल्ली सरकार द्वारा आम आदमी पार्टी को आवंटित की गई है.’ आम आदमी पार्टी ने इसके साथ ही दावा किया कि वर्ष 1992 में यही जमीन आईएएस अधिकारियों और तीन मंत्रियों को आवंटित की गई थी और इस पर किसी भी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है. हम अपने जवाब के साथ सभी वैध दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे।

 

 

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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