ख़बर पड़ताल: रुद्रपुर नगर निगम चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। वार्ड 37 से भाजपा के पूर्व पार्षद बबलू सागर ने टिकट कटने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बबलू सागर का यह कदम भाजपा के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि वह क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।
भाजपा में बगावत के सुर तेज
भाजपा द्वारा कई मौजूदा और पूर्व पार्षदों के टिकट काटे जाने के बाद असंतोष की स्थिति पैदा हो गई है। बबलू सागर का पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाना इस असंतोष का पहला बड़ा उदाहरण है। सूत्रों के अनुसार, टिकट वितरण को लेकर भाजपा के भीतर नाराजगी बढ़ रही है और अन्य कई नेता भी बगावती सुर में हैं।
कांग्रेस को मिलेगा फायदा?
कांग्रेस ने बबलू सागर का स्वागत करते हुए कहा कि उनका अनुभव और जनसमर्थन पार्टी को मजबूती देगा। रुद्रपुर में नगर निगम चुनाव को लेकर पहले से ही दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला है। ऐसे में भाजपा से असंतुष्ट नेताओं का कांग्रेस में जाना चुनावी समीकरणों को बदल सकता है।
स्थानीय राजनीति में हलचल
रुद्रपुर में यह घटनाक्रम चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय जनता और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा को यह निर्णय महंगा पड़ सकता है। इसके अलावा, अन्य असंतुष्ट पार्षदों की रणनीति पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
भाजपा ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता इस असंतोष को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना होगा कि आगामी चुनावों में यह बगावत भाजपा को कितना नुकसान पहुंचाती है और कांग्रेस इसका कितना लाभ उठा पाती है।