ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- अगर आप भी विदेश जाने का सपना देखते हैं तो सावधान हो जाएं कहीं जालसाज आपको भी विदेश में बेच न दें, जी हां उत्तराखंड से बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां विदेश जाने का सपना और नौकरी करने का अरमान उत्तराखंड के चंपावत के बनबसा के 3 युवकों को भारी पड़ गया, तीनों ही युवक ठगी का शिकार तो हुए ही साथ ही उन्हें विदेश में बेच भी दिया गया। आरोपी जालसाज गुजरात का रहने वाला है, उसने तीनो युवकों को गैर राष्ट्र म्यान्मार को बेच दिया था, हालाकि इंडियन एंबेसी के जरिए तीनों की वतन वापसी हो पाई।
बता दें की बनबसा क्षेत्र के तीन युवकों को गुजरात के एक जालसाज ने विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर विदेश भेजा और वहां पर उन युवकों को बंधक बनाकर स्कैम का काम करवाया जा रहा था, भारतीय दूतावास से चंपावत पुलिस ने संपर्क किया और फिर कहीं जाकर तीनों युवकों सकुशल वतन वापसी हो पाई, वहीं पुलिस गुजरात के एजेंट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
वहीं जुलाई महीने में राजेंद्र सिंह सौन (पुत्र राम सिंह निवासी बनबसा चंपावत) ने बनबसा पुलिस को तहरीर देते हुए मामला दर्ज कराया था कि उनका बेटा ललित अपने दो दोस्त विकास और कमलेश के साथ घर से रोजगार की तलाश में दिल्ली के लिए निकला था. जहां से ये लोग बैंकॉक, थाईलैंड निकल गए. जिनसे अब कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है और न ही कुछ पता चल पा रहा है. तहरीर पर थाना बनबसा पुलिस ने धारा 365 के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.
इस मामले में एसपी चंपावत ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत के साथ-साथ बैंकॉक और म्यांमार से संबंधित होने के कारण गुमशुदा युवकों की सकुशल बरामदगी और घर वापसी के लिए भारतीय दूतावास से पत्राचार और संपर्क किया गया. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया कि बैंकॉक में रह रहे खटीमा निवासी राहुल उपाध्याय ने अपने दोस्त गुजरात निवासी जयदीप रामजी टोकड़िया के साथ मिलकर उत्तराखंड के सात युवकों और अन्य राज्यों के बेरोजगार युवकों को विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर बैंकॉक बुलाया और विदेशी कंपनियों को 10 हजार थाई भाट (थाईलैंड करेंसी) प्रति व्यक्ति के हिसाब से बेच दिया, फिर बाद में जांच में पाया गया कि विदेशी कंपनियों द्वारा उन्हें म्यांमार में गोपनीय स्थान पर ले जाकर उनसे स्कैम का काम कराने के लिए बंधक बनाया गया. जबकि काम न करने पर उन युवकों के साथ मारपीट की गई. और जबरदस्ती काम कराने का दबाव बनाते हुए बंधक बनाया गया. वहीं कंपनी ने युवकों को वापस भारत देश भेजने के लिए उनसे भारी भरकम धनराशि की मांग की थी.
एसपी के अनुसार भारतीय दूतावास के माध्यम से तीनों युवकों को सकुशल वापस लाया गया है. जबकि चंपावत पुलिस ने मामले में धोखे से बैंकॉक भेजने वाले एजेंट आरोपी जयदीप रामजी टोकड़िया उर्फ जय जोशी (निवासी टुकड़ा पोरबन्दर) को गुजरात से गिरफ्तार किया है, बता दें की आरोपी जालसाज जयदीप ने बताया कि उसने अपने दोस्त राहुल उपाध्याय के साथ मिलकर बनबसा क्षेत्र से तीन जबकी खटीमा क्षेत्र के तीन युवकों को अपनी बातों में बहला फुसलाकर बैंकॉक बुलाया था. जहां से उन्हें विदेशी कंपनियों के हाथों बेच दिया था. पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि आरोपी राहुल उपाध्याय दुबई भाग गया है. राहुल के खिलाफ गिरफ्तारी को लेकर आगे की कार्रवाई जारी है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी जयदीप और फरार राहुल उपाध्याय के खिलाफ उधमसिंह नगर के खटीमा, देहरादून और गुजरात में भी मामले दर्ज हैं।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना/ अनुज कुमार शर्मा