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*डिजिटल अरेस्ट का जाल बिछाकर शख्स से करोड़ों की ठगी”, उत्तराखंड STF ने किया UP से गिरफ्तार।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- साइबर ठगों के खिलाफ उत्तराखंड STF की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है, एक के बाद एक ठग जो जाल बिछाकर लोगों से ठगी करते हैं उन्हें हवालात पहुंचाया जा रहा है, एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साइबर ठग को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है…

एसटीएफ ने 3 करोड़ रुपये के डिजिटल अरेस्ट स्कैम का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बहराइच से गिरफ्तार किया है, देहरादून के एक निवासी ने एसटीएफ को बताया कि 20 मई 2024 को उसे FedEx कोरियर से एक कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने दावा किया कि उसका पार्सल मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स विभाग के जरिये पकड़ा गया है और जिसमें आपत्तिजनक सामग्री पाई गई है,शिकायतकर्ता ने बताया कि उस व्यक्ति ने खुद को ग्रेटर मुम्बई पुलिस का अधिकारी बताकर पीड़ित को भयभीत किया और लगभग 48 घंटों तक वीडियो कॉल पर उसे मानसिक रूप से परेशान किया. आरोपी ने पीड़ित से कहा कि अगर उसे इस स्थिति से बचना है, तो उसे अपने बैंक खाते की जांच करानी होगी।

आरोपी ने पीड़ित से कहा, “उसके सभी पैसे एक निर्दिष्ट खाते में ट्रांसफर करने होंगे. इसके बाद डर की वजह से पीड़ित ने 21 मई को 2 करोड़ रुपये और 22 मई को अन्य खातों से लगभग 1.76 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. इस तरह उसके साथ कुल मिलाकर 3 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुए।

साइबर ठग बहराइच से गिरफ्तार

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम का गठन किया गया. साइबर क्राइम पुलिस ने बैंकों और सेवा प्रदाताओं से डेटा प्राप्त कर तकनीकी साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया।

एसटीएफ ने आखिरकार मुख्य आरोपी मनोज (27 वर्ष) को 25 अक्टूबर 2024 को बहराइच से गिरफ्तार किया गया. आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन और संबंधित बैंक खातों में लेन-देन के SMS अलर्ट का सिम कार्ड भी बरामद हुआ, डिजिटल हाउस अरेस्ट स्कैम में जालसाज फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ितों को डराते हैं. वे खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर ठगी करते हैं. अक्सर ये जालसाज रिश्तेदारों या दोस्तों को भी इस खेल में शामिल कर लेते हैं, जिससे पीड़ित घबरा जाते हैं और उनकी मांग पूरी करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।


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