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Uttarakhand” नाबालिग भतीजे से हैवान चाची ने किया दुष्कर्म, अब पीसेगी जेल में चक्की; कोर्ट ने सुनाई 20 साल की जेल और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- चाची भजीते का रिश्ता मां बेटे से कम नहीं होता है, लेकिन एक महिला ने इस रिश्ते को शर्मसार कर दिया बता दें की हवस की भूखी चाची ने अपने ही नाबालिग भतीजे को अपनी हवस का शिकार बना लिया और साथ ही जिससे वह गर्भवती हो गई, बता दें की कोर्ट ने महिला को 20 साल सक्षम कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है…

पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने महिला को 16 साल के भतीजे से दुष्कर्म का दोषी मानते हुए बीस साल के कारावास की सजा सुनाई है. दोषी महिला इस दौरान गर्भवती भी हो गई थी, स्पेशल पॉक्सो जज देहरादून अर्चना सागर की कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने भतीजे से दुष्कर्म करने वाली महिला को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही महिला को पॉक्सो की अलग-अलग धाराओं में दोषी ठहराते हुए 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पुलिस ने दोषी महिला को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।

वहीं, किशोरी के अपहरण मामले में भी स्पेशल फास्ट कोर्ट जज पंकज तोमर की कोर्ट ने दूसरे आरोपी को दोषी मानते हुए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 10 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है, जानकारी के मुताबिक पांच जुलाई 2022 को देहरादून के बसंत विहार थाने में 16 साल के किशोर की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में मां ने कहा था कि महिला ने उसके बेटे से जबरदस्ती संबंध बनाए हैं, जिससे वह गर्भवती हो गई. पीड़िता ने महिला पर अपने बेटे का जीवन खराब करने का आरोप लगाया. किशोर रिश्ते में महिला का भतीजा लगता है।

मां की तहरीर पर पुलिस ने महिला के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस ने मामले की जांच की और महिला के खिलाफ 6 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. अभियोजन की ओर से इस मामले में छह गवाह पेश किए गए और डॉक्टरों ने महिला का मेडिकल परीक्षण कराया तो वह गर्भवती पाई गई और डीएनए की जांच के लिए भी सैंपल भेजे गए थे, शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि अदालत में सभी दावों को सुनने और कुल 14 दस्तावेजों के साक्ष्य के आधार पर महिला को किशोर से दुष्कर्म का दोषी पाया गया. कोर्ट ने महिला को प्रतिकर दिलाने की श्रेणी से भी बाहर रखा. इस आधार पर महिला को 20 साल सक्षम कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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