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उत्तराखंड:- “चारधाम बना ठगों का अड्डा” यात्रियों से फर्जी पंजीकरण के नाम पर लाखों की ठगी, नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड चारधाम यात्रा के साथ ही ठग भी एक्टिव हो गए हैं, बता दें की यात्रियों से पंजीकरण के नाम पर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं एक और मामला सामने आया है, जहां फर्जी पंजीकरण देकर 4.40 लाख की ठगी की गई है…

बता दें की केदारनाथ यात्रा के पंजीकरण के नाम पर फर्जी पंजीकरण देकर 4.40 लाख की ठगी का मामला रुद्रप्रयाग पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस ने यात्रियों की लिखित शिकायत पर नौ मुकदमे दर्ज किए हैं।रुद्रप्रयाग एसपी डाॅ. विशाख अशोक भदाणे ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में यह पहला प्रकरण है, जब पंजीकरण के लिए यात्रियों से इस तरह से ठगी गई है।

प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि बुधवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर जवाड़ी बाईपास स्थित पुलिस चौकी पर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान कुछ यात्रियों के पंजीकरण को चेक किया तो पंजीकरण और पंजीकरण में अंकित तिथि में काफी अंतर दिखा। जांच करने पर पता चला कि बाद की तिथि के पंजीकरण में फेरबदल कर उसे वर्तमान तिथि में उपयोग में लाया गया है।

एसपी ने बताया कि पुलिस ने संबंधित यात्रियों और ट्रेवल्स एजेंसी के कर्मचारी से पूछताछ की तो स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। यात्रियों ने बताया कि वह अलग-अलग प्रांतों से केदारनाथ यात्रा पर आए हैं। हरिद्वार में टूर ऑपरेटर के माध्यम से कुछ लोगों ने उनका पंजीकरण किया है।

बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार व दिल्ली में उनसे कुछ लोगों ने 2500 रुपये से लेकर 3.50 लाख रुपये तक लिए थे। लेकिन यहां जांच में उनका रजिस्ट्रेशन फर्जी मिला है। डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि पीड़ितों की लिखित शिकायत पर 9 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। साथ ही यात्रियों के द्वारा जिन लोगों के नाम बताए गए हैं, उनके बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। बता दें कि इससे पहले यमुनोत्री धाम में फर्जी पंजीकरण के साथ दों बसें पकड़ी गई थीं। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।

एसपी ने बताया कि चारधाम यात्रा के पंजीकरण कराने के लिए कुछ टूर ऑपरेटर कुछ शातिर लोगों के साथ मिलकर यात्रियों को गुमराह कर उन्हें फर्जी पंजीकरण थमा रहे हैं। इसकी एवज में उनसे रकम ऐंठी जा रही है। ऐसे में यात्री उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट से ही पंजीकरण करें। साथ ही यात्रा में आते हुए स्थानीय पुलिस और प्रशासन का सहयोग करें।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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