ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड में एक बार फिर सियासत तेज हो गई है जब से धन सिंह रावत के साथ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पीएम मोदी से मुलाकात की है तब से बड़ी जिम्मेदारी मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं, बता दें की आज उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के बाद अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. पीएम मोदी से मिलने की फोटो पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने सोशल मीडिया पर भी शेयर की है, जिसके बाद ही उत्तराखंड का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया. उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी संगठन उन्हें प्रदेश में कोई नई जिम्मेदारी दे सकता है. वहीं इससे पहले उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ नेता धन सिंह रावत ने भी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात करने के दो दिन बाद तीरथ सिंह रावत दिल्ली पहुंचे और पीएम मोदी से मिले, बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में तीरथ सिंह रावत ने पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की न केवल शुभकामनाएं दीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा भी की. तीरथ सिंह रावत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि बीते दिनों देहरादून में आयोजित हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जिस तरह से तीरथ सिंह रावत ने संगठन और संगठन में हो रहे कार्यकर्ताओं के साथ बर्ताव को लेकर हंसते-हंसते अपने दिल की बात कह दी थी, उसके बाद अंदाजा यही लगाया जा रहा था कि हो सकता है तीरथ सिंह रावत पार्टी के बड़े नेताओं की रडार पर आ जाएं।
तीरथ सिंह रावत को लेकर भले ही लोग सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से उनके जींस वाले बयान या अन्य बयानों को लेकर कुछ भी कहें, लेकिन पार्टी में उनका कद क्या है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह न केवल उत्तराखंड में पौड़ी सीट से सांसद रह चुके हैं, बल्कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री संगठन में महत्वपूर्ण पदों के साथ-साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कमान भी संभाल चुके हैं. ऐसे में भले ही वह मौजूदा समय में किसी पद पर न हों लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात बेहद खास मानी जा रही है और उम्मीद यही जताई जा रही है कि आने वाले समय में संगठन में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
अब देखना होगा की राज्य के राजनीतिक गलियारों में जिस तरह कयास लगाए जा रहें है वह सच होते हैं या फिर नहीं।