ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- खटीमा वन रेंज की सीमा से सटे गांव बुढ़ाबाग में आबादी क्षेत्र से गुजरने वाले चकरपुर-बुढ़ाबाग मार्ग पर देर शाम के समय बाघ आबादी क्षेत्र की तरफ आता देखा गया। बाघ दिखने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपने घरों में छुप गए। बाघ काफी देर तक चकरपुर-बुढ़ाबाग मार्ग पर स्थित आबादी क्षेत्र के पास चहल-कदमी करता रहा। ग्रामीणों के शोर मचाने व टार्च की रोशनी करने के बाद बाघ जंगल की ओर चला गया। ग्रामीणों ने बताया कि बाघ के आतंक से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। बाघ के आबादी क्षेत्र में आने से मार्ग पर चलने वाले राहगीरों व आंगन में बैठे लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। इस घटना से पूर्व बाघ ग्राम बुढ़ाबाग निवासी वृद्ध रामरेशी राणा व प्रेम चंद को अपना निवाला बनाकर मौत के घाट उतार चुका है। वन विभाग व वाइल्ड लाइफ की टीम ने दो लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद बुढ़ाबाग के जंगल से ट्रेंकुलाइज कर एक बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया था। जिसे बाद में ढेला रेंज रामनगर भेज दिया गया था। परन्तु अब एक बार फिर देर शाम के समय आबादी क्षेत्र के नजदीक बाघ के आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया है। स्थिति को देखते हुए स्थानीय वन दरोगा नित्यानंद भट्ट ने चकरपुर-बुढ़ाबाग मार्ग पर रात्रि के समय अकेले आवागमन न करने व वन सीमा से सटे गांव में रहने वालों से बाहर न निकलने और अति आवश्यक कार्य हेतु निकलने पर भी सतर्कता बरतने की अपील करी है।