ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तर प्रदेश में बढ़ते लव जिहाद और धर्म परिवर्तन के मामलों के बीच योगी सरकार ने सदन में ऐसा बिल पेश किया है जिससे अब जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वाले हजार बार सोचेंगे। बता दें की लव जिहाद, एससी-एसटी के धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है। सोमवार को विधानसभा में पेश किए गये उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक में धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ा दिया गया है। इसमें आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्राविधान किया गया है। साथ ही, विदेशों से धर्म परिवर्तन के लिए होने वाली फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त प्राविधान किए गये हैं।
पूर्व में कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद राज्य सरकार अध्यादेश को विधानसभा पटल से पास कराएगी. सरकार ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध संशोधन विधेयक को विधानसभा से पास करने का फैसला किया है और इसे विधानसभा पटल पर पेश किया गया है. इसके अंतर्गत अब इनसे जुड़े अपराधों में अब सजा की अवधि आजीवन कारावास की दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में गुमराह करके शादी करने और अनुसूचित जाति व जनजाति के धर्म परिवर्तन के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है. इसके अंतर्गत अब उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिशेध संशोधन विधेयक को राज्य सरकार विधानसभा व विधान परिषद से पास करने का काम करेगी.उत्तर प्रदेश सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिशेध विधेयक 2021 पारित किया था जिसमें विधेयक में 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया था. अब संशोधन के माध्यम से पिछले विधेयक को सजा और जुर्माना की दृष्टि से अब और मजबूत और कड़ा करने की राज्य सरकार ने पहल की है. नए प्रावधानों के अनुसार यदि किसी नाबालिक दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला एससी एसटी का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान रखा गया है.इसी प्रकार सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जमाने की सजा का प्रावधान इस नए संशोधन विधेयक में किया गया है. राज्य सरकार के नए प्रस्तावित विधेयक में बहला फुसलाकर शादी करने और नाबालिक एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन करने पर उम्र कैद के प्रावधान वाला विधायक विधानसभा में पेश किया गया है जिसे आज विधानसभा के दोनों सदनों यानी विधानसभा और विधान परिषद में पारित कराया जाएगा. दोनों सदनों से यह विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना