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*हमजा को तलाशने में सिस्टम हुआ फेल, खुद पुलिस के पास चल कर आया हमजा; “45 दिनों में क्या हुआ मासूम बच्चे के साथ जानकर दहल उठेगा दिल”…*

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45 दिन बाद घर पहुंचा हमजा, 13 साल के बच्चे को तलाशने में फेल हुआ सिस्टम

 

रिपोर्ट:- साक्षी सक्सेना 

 

ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- रुद्रपुर की आर्दश कॉलोनी में रहना वाला शब्बू खान का 13 वर्षीय हमजा बेग घर से लापता हो गया था, आज वह मिल ही गया, उसे काउंसलिंग के लिए किशोर गृह ले जाने के बाद वह अपने घर पहुंचा और अपनी मां और परिजनों से मिला, इन्ही सबके बीच उधमसिंहनगर जिले का सिस्टम फेल हो चुका है, क्योंकि जहां पिछले डेढ़ महीने से जहां जिले की पुलिस हमजा को ढूंढ नहीं पाई तो वहीं हमजा खुद पुलिस के पास पहुंच गया। आखिर क्यों जिले की पुलिस हमजा को ढूंढ नहीं पाई, एक और जहां पुलिस का दावा था की पुलिस टीम हमजा को तलाशने के लिए बनाई गई थी वहीं हमजा कुछ किलो मीटर की दूरी पर यानी पिछले डेढ़ महीने से वह लालकुआं में था, वहां पर उससे मजदूरी करवाई जा रही थी, अब वह वहां पर किस हालात में होगा ये तो हमजा ही जनता है, उधमसिंहनगर पुलिस हमजा बेग को तलाशने में नाकाम रही यह तो आज साबित हो ही गया है, हमजा की मां, पिता समेत परिजनों ने कितने चक्कर न जाने कोतवाली, एसएसपी ऑफिस और डीएम ऑफिस के काटे होंगे, लेकिन सिर्फ दिलासा मिला, हमजा नहीं..

हमजा खुद नैनीताल की लालकुआं पुलिस के पास अपने घर जाने की बात कहकर पहुंचा, और अपने चाचा को फोन मिलाया।

कारपेंटर ने धोखे में रख कर करवाई मजदूरी..

हमजा बेग की पिछले डेढ़ महीने की कहानी दिल दहला देगी, दरअसल हमजा बेग क्रिकेट एकेडमी में जाने की जिद कर रहा था लेकिन हमजा के अम्मी अब्बू की इतनी हैसियत नहीं थी की वह उसे एकेडमी में भेज सकें, फिर उसने सोशल मीडिया पर वीडियो देखा जिसमें दिखाया गया था की किस तरह एक बच्चा एकेडमी में जाने के लिए घर से लापता हो जाता है और फिर एक एकेडमी वाले खुद उसे एडमिशन देते हैं, मासूम हमजा ने भी ये ही सोचा होगा कि वह लापता होगा तो उसे भी एकेडमी में एडमिशन मिल जाएगा लेकिन उसे किया पता था की उसे मजदूर बना दिया जाएगा।

हमजा बेग ये ही सोच कर ट्रेन में चढ़कर गया जहां उसे एक व्यक्ति मिला जिसे पता चल गया था की हमजा घर भागा हुआ है वह उसे अपने घर ले गया और फिर जब घर ने व्यक्ति को हमजा को छोड़ देने को कहा और काफी कहासुनी के बाद व्यक्ति ने हमजा को छोड़ दिया।

जिसके बाद उसे एक कारपेंटर मिला जिसने हमजा से ये दावा किया की वह उसे एडमिशन दिलाएगा और उसे अपने पास रख लिया फिर उससे मजदूरी करवाने लगा, जब हमजा को लगा की ये उसे झूठ बोल रहा है शायद उसे कुछ अटपटा लगा होगा तो वह वहां से निकल गया और लालकुआं पुलिस की गाड़ी के पीछे भागने लगा और फिर पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी में बैठाया फिर उसे अपने साथ कोतवाली लेकर आ गए और फिर हमजा के चाचा को फोन कर हमजा के मिलने की सूचना दी, वहीं सूचना मिलने के बाद परिजनों, आसपास के लोग और शहर के कई लोगों में एक खुशी दिखी और हमजा की मां के साथ साथ कई लोगों की दुआ भी कबूल हो गई। और आज शाम को वह कानूनी कार्रवाई के बाद घर पहुंचा और अपनी मां से मिला, अपने दोस्तों, परिजनों से मिला।


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