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भगवान के प्रसाद में इतना बड़ा पाप” तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद की सरकार ने कराई जांच” ख़ुलासा।

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में वो हुआ जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा, क्या ये सही है किसी की आस्था और भक्ति किसी के धर्म को भ्रष्ट करना सही है, सिर्फ अपने हित के लिए लोगों की भावनाओ से खिलवाड़ किया जा रहा है, बता दें कि हिन्दू समुदाय प्रसाद को बहुत ही पवित्र मानता है लेकिन उसे ही अपवित्र कर दिया गया, रिपोर्ट के मुताबिक तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के लिए उपयोग किए जाने वाले घी में मछली का तेल और पशुओं की चर्बी मिलाई जाती थी।

प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाने के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है. इस पूरे घटनाक्रम से पूरे देश के संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. संत कह रहे हैं कि तत्काल प्रभाव से मंदिर का ट्रस्ट बोर्ड भंग किया जाना चाहिए. चूंकि, ये मामला सीधे तौर पर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी साल जून में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी और नायूड ने एनडीए की सरकार बनाई. 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF Ltd.) भेजे और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई. इसमें एक फर्म के घी में मिलावट पाई गई. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डुओं बनाए जा रहे हैं, CALF (पशुधन और फूड में एनालिसिस और लर्निंग सेंटर) गुजरात के आनंद में स्थित NDDB (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) में विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला है।

22 जुलाई को मंदिर ट्रस्ट ने बैठक की और फिर 23 जुलाई को घी के सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजे गए. इसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई. सीएम नायडू ने सीधे तत्कालीन जगन सरकार को कठघरे में खड़ा किया. नायडू सरकार ने कहा, पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है. मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है और लोगों की आस्था से भी बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ. मेरी सरकार आने के बाद इस पर रोक लगाई गई है. जो अभी रिपोर्ट सामने आई है, वो जुलाई की है, जांच में पता चला है कि इन लड्डुओं में जिस घी का इस्तेमाल हो रहा था, वो मिलावटी था. इसमें फिश ऑयल, एनिमल टैलो और लार्ड की मात्रा पाई गई है. एनिमल टैलो का मतलब पशु में मौजूद फैट से होता है. इसमें लार्ड भी मिला हुआ था. लार्ड का मतलब जानवरों की चर्बी से होता है. इसी घी में फिश ऑयल की मात्रा भी पाई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसादम लड्डू में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के बीज, मक्का के बीज, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल और पाम कर्नेल वसा, पाम तेल और बीफ टेलो (गौमांस की चर्बी), लार्ड शामिल है।


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