“हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बयान देकर भावनाएं आहत करने और समाज में विद्वेष फैलाने के आरोपों को लेकर सपा के पूर्व महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश श्रीवास्तव ने वजीरगंज थाना प्रभारी को दिया है..”
हिंदू- देवी देवताओं पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी किये जाने के मामले में यूपी के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. उत्तर प्रदेश में लखनऊ की एक विशेष अदालत ने देवी लक्ष्मी और अन्य हिंदू देवी-देवताओं पर कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने के लिए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया।
लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान के चलते मुश्किलों में पड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. देवी लक्ष्मी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर लखनऊ की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. सांसद विधायक अदालत (MP-MLA Court) के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने वजीरगंज थाने को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच करने का निर्देश जारी किया. याचिकाकर्ता रागिनी रस्तोगी ने अदालत से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका दाखिल की थी।
इस वजह से विवादों में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य
याचिकाकर्ता के मुताबिक, 15 नवंबर 2023 को अखबार में स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान प्रकाशित हुआ, जिसका शीर्षक था ‘चार हाथों के साथ लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती हैं’?याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान से भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी कई बार हिंदू धर्म का अपमान करने वाले बयान देकर हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते आ रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्यता और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देकर अपना एक राजनीतिक दल गठित किया है।