ख़बर पड़ताल:- मथुरा रंगोत्सव को भव्य ढंग से आयोजित कराने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा विशेष तैयारियां की जा रही हैं। मथुरा की लठ्ठमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस अवसर पर देशी-विदेशी आगन्तुकों की भारी भीड़ एकत्र होती है। आगन्तुकों के मनोरंजन के लिए स्थानीय कलाकारों द्वारा विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। इस आयोजन में देश व प्रदेश की गौरवशाली विरासत की झलक प्राप्त होती है। इसके साथ ही कलाकारों को अपने प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है। साथ ही इन कलाकारों को आजीविका प्राप्त होती है। मथुरा रंगोत्सव के अंतर्गत 26 मार्च को बलदेव दाऊजी का हुरंगा आयोजित किया जाएगा, जिसमें मंदिर परिसर में फूलों के रंगो से होली खेली जाती है।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मथुरा रंगोत्सव के आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि होली का त्योहार हमारी संस्कृति का एक अटूट हिस्सा है। बरसाना की होली सदियों से चलती आ रही है। राज्य सरकार ने इस अवसर पर देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए मथुरा, वृंदावन एवं बरसाना में बुनियादी सुविधाएं सृजित की हैं। मथुरा-वृंदावन और बरसाना की प्रसिद्ध होली देखने के लिए लोग देश-विदेश से यहां आते हैं। बरसाना की लड्डू होली और लट्ठमार होली विश्वभर में प्रसिद्ध है। वैसे तो 40 दिन तक होली का उत्सव चलता है, लेकिन असली उत्साह होली के एक सप्ताह पूर्व से बढ्ने लगता है। इसकी शुरुआत बरसाना लड्डू होली और लट्ठमार होली से होती है। राज्य सरकार इसके सफल आयोजन के लिए पूरी तैयारी कर रखी है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि होली रंगों और खुशियों का त्योहार है। फाल्गुन माह में होली पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन ब्रज की होली का विशेष महत्व है, क्योंकि इसका संबंध भगवान कृष्ण से माना जाता है। मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगांव और बरसाना समेत ब्रज क्षेत्र अपनी तरह की अनोखी होली के लिए प्रसिद्ध हैं। मथुरा में 40 दिनों तक चलने वाले रंगोत्सव की शुरुआत बसंत पंचमी से होती है और समापन रंग पंचमी के दिन होता है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ब्रज की होली विश्व प्रसिद्ध है, मथुरा-वृन्दावन की होली के साथ बरसाना की लट्ठमार होली का आकर्षण देश ही नहीं विदेशों में भी है। इसे देखने के लिए विश्वभर के सैलानी आते है और हमारी संस्कृति को दुनियाभर में प्रचारित प्रसारित करते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार आधुनिकता एवं परम्परा को जोड़ते हुए विभिन्न उत्सवों को नया रूप दे रही है। इसके साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं भी सुलभ करायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन से मान्यता के साथ ही आस्था को बढ़ावा मिल रहा है क्योंकि इस सेक्टर में निवेश के साथ ही राजस्व अर्जन का अर्थतंत्र जुड़ा हुआ है।