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रुद्रपुर” नाबालिग किशोर के साथ कुकर्म करने वाले मुख्य पुजारी को कोर्ट ने सुनाई 20 साल के कठोर कारावास की आज, लगाया जुर्माना भी; पढ़िए पूरा मामला।

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:– अपने नाबालिग शिष्य के साथ कुकर्म करने वाले मंदिर के मुख्य पुजारी को पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने शुक्रवार को20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 55 हज़ार रुपये जुर्माने की सजासुना दी। विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने बताया कि बाजपुर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने थाने में 10 मई 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि क़रीब तीन वर्ष पूर्व उसकी राह चलते ग्राम हैडाखान मल्ला पोस्ट देवली थाना मुक्तेश्वर निवासी बाबा गणेशानन्द जोशी उर्फ़ गणेश दत्त पुत्र श्री खीमानन्द जोशी से भेंट हो गई जिसने बताया कि वह इस समय कालाढूगीं में पाटकोट शिवमंदिर का मुख्य पुजारी है मैं तुम्हारे बेटे को सुधार दूँगा और उसका गुरूकुल वृन्दावन में दाख़िला करा दूँगा ।बाबा 2022 के चैत्र के नवरात्रों में उसके घर पर आये ।बाबा ने 9 दिनों तक शमशान भूमि में भक्ति की और दसवें दिन हवन पूजन किया इस दौरान बेटा उनके साथ सेवा करता रहा ।व्यक्ति ने कहा कि वह बाबा के बहकावे में आ गया और अपने 11 वर्षीय नाबालिग बेटे को बाबा के साथ भेज दिया ।उसकी बाबा एवं बेटे के साथ फ़ोन पर बात होती रहती थी ।उसने बताया कि इस दौरान बाबा उसके बेटे को परेशान करने लगा अत्यधिक परेशान होने पर बेटा मन्दिर से भागकर आया और गाँव वालो से अपने घर का रास्ता पूछा तो एक गॉंव वाले ने फ़ोन करके बताया तो 7 मई 2022 वह मन्दिर पहुँचा तो बेटा उसके गले लगकर बहुत रोया तो वह बेटे को घर ले आया ।बेटे ने रोते हुए बताया कि बाबा दिन भर काम कराता था और रात को उसके साथ जबरन कुकरम करता था मना करने पर धमकी देता था कि अगर किसी को बताया तो जान से मार डालूँगा ।पुलिस ने बालक का मेडिकल करवाया जिसमें उसके साथ कुकरम किए जाने की पुष्टि हुई जिसके बाद पुलिस ने दुराचारी बाबा को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया ।बाबा के विरूद्ध पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गोड की अदालत में मुक़दमा चला जिसमें विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता द्वारा सात गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिए गए जिसके बाद आज पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गोड् ने कुकरमी बाबा गणेशाननद जोशी उर्फ़ गणेश दत्त को 5/6 पॉकसो एक्ट के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हज़ार रुपये जुर्माने,धारा 377 आईपीसी के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास और 25 हज़ार रुपये जुर्माने,धारा 323,506 आईपीसी के तहत एक एक वर्ष के कठोर कारावास की सज़ा सुनाते हुए कहा कि जुर्माने की धनराशि में से 40 हज़ार रुपये पीड़ित नाबालिग बालक को मिलेंगे ।न्यायाधीश महोदय ने सरकार से कहा है कि पीड़ित बालक को क्षतिपूर्ति के रूप में 3 लाख रुपये दिए जायें।


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