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*सिडकुल स्थित अवैध तरीके से बंद कंपनी के खिलाफ मजदूरों का जन सम्मेलन ,भाजपा सरकार पूंजीपतियों के आगे झुकी…*

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रिपोर्ट: जगपाल सिंह ओलखा 

 

सितारगंज।अवैध तरीके से बंद जॉयडस कंपनी के ठेका मजदूरों ने कंपनी की अवैध बंदी खोलने की मांग को लेकर रामलीला ग्राउंड सितारगंज में जन सम्मेलन आयोजित किया।इस दौरान कंपनी मजदूरों के समर्थन में सम्मेलन में शामिल हुए पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष हरीश दुबे ने कहा कि पूर्व में सरकारों ने विकास का सपना देखते हुए रुद्रपुर, हरिद्वार, सितारगंज में सिडकुल की स्थापना की थी जिससे यहां बहुत से लोगो को रोजगार मिला। परन्तु वर्तमान भाजपा सरकार की नीतियो के कारण उद्योग लगातार बंद हो रहो हैं। हजारों मजदूरों का रोज़गार छीन जाने से आर्थिक स्थिति बदत्तर हो चुकी है। पूंजीपतियो की मनमानी के आगे भाजपा सरकार झुकी हुई है। इसलिए जायडस कंपनी की बंदी अवैध घोषित होने के बावजूद भाजपा सरकार ने अभी तक न तो कंपनी खुलवाई है और ना ही मजदूरों को जायज कानूनी हक दिए हैं।

हरीश दुबे ने जाइडस के मजदूरों से आव्हान किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में जब भी भाजपा कार्यकर्ता वोट मांगने के लिए आए तो उनसे कहना पहले मजदूरों की मांगे पूरी करो उसके बाद वोट मांगो। अन्यथा हम मजदूर विरोधी भाजपा सरकार को वोट नही करेंगे।

इस दौरान ट्रेड यूनियन एक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने कहा कि भाजपा सरकार में मजदूरों का शोषण चरम पर है। शोषण को और बढ़ाने और पूंजीपतियो की मनमानी के लिए केंद्र सरकार मजदूरपक्षीय 44 श्रम कानूनों को खत्म करने और मज़दूर विरोधी 4 नए श्रम कोड बनाने की ओर बढ़ गई है। 4 नए श्रम कोड लागू होने के बाद मजदूर को न्याय के रास्ते बंद हो जाएंगे। सिडकुल सितारगंज में अवैध तरीके से बंद की गई जायडस कंपनी के मालिक ने अवैध तरीके से कम्पनी बंद कर दी जिससे 1200 मजदूर बेरोजगार हो गए । सालों से काम कर रहे ठेका मजदूर अवैध बंदी के कारण मुआवजा पाने के अधिकारी हैं। लेकिन सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में खड़ी है और कोई सुध लेने को तैयार नहीं है।

सिडकुल कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के समक्ष कई बार मांग उठाने के बावजूद कंपनी कि ना तो अवैध बंदी खोली गई है और ना ही ठेका मजदूरों को कोई न्याय मिला है। कम्पनी मालिक द्वारा की गई बंदी को शासन द्वारा अवैध घोषित किया जा चुका है, लिहाजा सभी श्रमिक वेतन पाने के अधिकारी हैं। श्रम विभाग व राज्य सरकार हम मजदूरों की नही सुन रही है और न्याय देने में विफल रही है।

मजदूर यूनियन की नेता अनिता अन्ना ने कहा कि करने हम मजदूरों के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार जायडस के 1000 ठेका मजदूरों को न्याय नहीं दिला पाई है। लेकिन बड़ी बड़ी बाते कर रही है। हम सरकार से मांग करते है कि सरकार फिर से कम्पनी खुलवाए, बंदी से अभी तक का वेतन मजदूरों को दे या फिर बंदी मुआवजा दे।

भाकपा(माले) के जिला सचिव ललित मटियाली ने कहा कि मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बावजूद सरकार हजारो मजदूरों के खिलाफ खड़ी है। इसलिए उन्हें अभी तक न्याय नही मिला है। सरकार मजदूरों की कोई सुध नहीं ले रही है। लोकसभा चुनाव सामने हैं और भाजपा के लोग बिना मजदूरों को न्याय दिए वोट मांग रहे हैं। बेशर्मी की बात है कि सरकार बिना जनता को न्याय दिए जीतने का दवा को। रही है। उन्होंने कहा कि न्याय दिलाने की लड़ाई में हमारी पार्टी भाकपा (माले) हमेशा मजदूरों के साथ खड़ी रहेगी।

इस दौरान अनिता देवी, सूरज भंडारी, तन्नू, रेशमा अहमद, मो.राशिद, धर्मानंद जोशी, प्रताप सिंह, मनोज रस्तोगी, सोहैल, रोहित, मंजीत सिंह, राजेंद्र कुमार, तुलसी राम , विवेक यादव, उमेश सिंह, कन्हैया लाल, भजनलाल, रजनीश कुमार पाठक, आशिक अंसारी,सूरज सिंह भंडारी, ओमकार सिंह, मृणाल मंडल, आनंद मिस्त्री, राजकिशोर, बबली, नंदी देवी, सनी राना, सुखेन्द्र सिंह, पारस , किशन सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।


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