ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- अक्सर देखा गया है की लोग अपने दुश्मन या विरोधियों, या फिर कहे जिनसे लोग रंजिश रखते हैं उनको फंसाने के लिए लोग तरह तरह की साजिश रचते हैं बता दें की उत्तराखंड की लक्सर पुलिस ने तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो अपहरण की अफवाह फैलाकर अपने विरोधियों को झूठे मुकदमे में जेल भिजवाने की साजिश रच रहे थे. इन लोगों ने गांव वालों को इकट्ठा करके बाकायदा कोतवाली का घेराव तक कर लिया था. पुलिस ने गहराई से जांच की तो इन लोगों की साजिश का भंडाफोड़ हो गया…
भावनाएं भड़काकर माहौल खराब करने और झूठे अपहरण की बड़ी साजिश का लक्सर पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने अपने ही भाई के अपहरण का षडयंत्र रच कर कोतवाली लक्सर का घेराव किया था. प्रतापपुर गांव के दिनेश, अरविंद, चांदवीर, गुड्डू, भोला और मंगलू से पुरानी रंजिश का बदला लेने के इरादे से झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रचकर अपहरण व मारपीट का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था।
मामूली विवाद में रची खतरनाक साजिश
एसपी देहात स्वप्न किशोर ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रतापपुर निवासी कुलदीप ने कोतवाली में तहरीर देकर अपने ही गांव के दिनेश, अरविंद, चांदवीर, गुड्डू, भोला और मंगलू पर 24 मई को शिकायतकर्ता के भाई मोहित उर्फ टीनू के साथ मारपीट कर उसका अपहरण करने का आरोप लगाया था. मोहित उर्फ टीनू को सकुशल ढूंढने और आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों के साथ कोतवाली का घेराव करने का नाटक किया था।
अपहरण का झूठा मुकदमा लिखाया
प्रकरण दो अलग-अलग जातियों से जुड़े परिवारों के बीच चल रहे पुराने विवाद से जुड़ा होने के कारण बेहद गंभीर प्रवृत्ति का था. आरोपियों की गिरफ्तारी व मामले के जल्द से जल्द खुलासे के लिए एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने एसपी देहात स्वप्न किशोर को आदेश दिया. सीओ निहारिका सेमवाल के निर्देशन में कोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण ने टीमों का गठन किया. पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल पर जाकर घटना के सम्बन्ध में पूछताछ करने तथा आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेज को खंगालते हुये अपहृत व घटना से सम्बन्धित अन्य लोगों की मोबाइल लोकेशन की जांच पड़ताल शुरु की गई. जांच के दौरान घटना संदिग्ध प्रतीत हुई।
पुलिस ने सूझबूझ से किया खुलासा
मामले को गंभीरता से देखते हुए पुलिस ने विभिन्न कड़ियों को जोड़ा और कथित अपहृत तक पहुंचने में कामयाबी मिली. एसपी स्वप्न किशोर ने बताया कि कथित अपहृत मोहित अपने भांजे दर्शन के साथ था. मोबाइल बंद होने से पूर्व भी मामा-भांजे की लोकेशन एक स्थान पर पायी गयी. लगातार प्रयासों के बाद कथित अपहृत मोहित को उसके भांजे दर्शन के घर जियापोता कनखल हरिद्वार से सकुशल ढूंढ लिया गया।
पुलिस टीम को पूछताछ में मोहित ने बताया कि 24 मई की रात्रि में मेरा विपक्षी चांदवीर व गुड्डू के साथ जेसीबी मशीन के शीशे टूटने को लेकर विवाद हो गया था. विपक्षियों पर दबाव बनाने के लिये और अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के लिए कुलदीप व दर्शन के साथ मिलकर अपने झूठे अपहरण की योजना बनायी. विवाद के पश्चात मोहित अपने भांजे दर्शन के साथ उसकी गाड़ी से जियापोता जाकर छिप गया. एसपी देहात ने बताया कि कुलदीप द्वारा अन्य परिजनों और गांव वालों के साथ मिलकर अपने भाई मोहित के अपहरण करने की अफवाह फैलाकर मुकदमा दर्ज कर दूसरे पक्ष के लोगों की गिरफ्तारी का दबाव बनाने का प्रयास किया गया था।
सभी आरोप झूठे पाए गए
पूछताछ व जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपहरण व फायरिंग की सूचना झूठी पायी गयी है. कुलदीप के साथ ही साजिश में शामिल मोहित और दर्शन को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन लोगों के विरुद्व पुलिस एक्ट के अन्तर्गत चालान करते हुये विधिक कार्रवाई का जा रही है. आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है, जहां से उन्हें जेल भेज दिया जाएगा, बवाल की साजिश का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में सीओ लक्सर निहारिका सेमवाल, लक्सर कोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण, SSI मनोज गैरोला, उपनिरीक्षक कमलकांत रतूड़ी (प्रभारी चौकी रायसी), उपनिरीक्षक लोकपाल परमार (प्रभारी चौकी सुल्तापुर), उपनिरीक्षक रियाज अली, हेड कांस्टेबल विनोद कुमार, कांस्टेबल मदन वर्मा, इंद्र सिह और अनुप पोखरियाल शामिल रहे।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना