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*पंतनगर एयर ट्रैफिक कंट्रोल इंचार्ज का महिला वेशभूषा में मिला था शव, मामले में आत्महत्या लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज; परिजनों ने जताई हत्या की आशंका।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- शरीर पर साड़ी, हाथों में चूड़ियां, होंठे पर लिपस्टिक, कुछ महिला जैसी वेशभूषा में मिला पंतनगर एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल इंचार्ज का शव, इस मामले ने पूरे उत्तराखंड में हलचल मचा दी थी, कई सवाल खड़े हो रहे थे आखिर क्यों एटीसी इंचार्ज ने महिला की वेशभूषा में आत्महत्या की, अब इस मामले नया अपडेट सामने आया है, बता दें की पंतनगर एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) इंचार्ज की संदिग्ध परस्थितियों में हुई मौत के मामले में परिजनों ने थाना पंतनगर में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. परिजनों ने एटीसी इंचार्ज की मौत के पीछे साजिश की आशंका जताई है. एटीसी इंचार्ज संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे।

24 जून 2024 को पंतनगर एयरपोर्ट के आवासीय परिसर में एटीसी इंचार्ज का संदिग्ध परस्थितियों में शव मिला था. इसके 22 दिन बाद परिजनों ने साजिश की आशंका व्यक्त करते हुए मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है. दरअसल 24 जून की सुबह में एटीसी इंचार्ज का शव पंतनगर एयरपोर्ट के सरकारी आवास में संदिग्ध अवस्था में मिला था. मृतक ने महिला की वेशभूषा रखी थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण हैंगिंग से होना पाया गया है।

अब परिजनों ने मामले को संदिग्ध बताते हुए अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस को सौंपी तहरीर में मृतक के भाई ने बताया है कि उनके भाई पंतनगर एयरपोर्ट में एटीसी विभाग में अफसर पद पर तैनात थे. 24 जून की सुबह स्टाफ परिसर में बने आवास में उनका शव मिला था. उन्होंने बताया है कि घटना के रोज रात्रि में उनके साथ हल्द्वानी निवासी दो व्यक्ति भी मौजूद थे. मृतक के भाई ने बताया कि वो एक उच्च शिक्षित, मेधावी और होनहार अधिकारी थे. उनका स्थानांतरण गृह जिला पिथौरागढ़ में एटीसी अधिकारी के रूप में हो गया था. उनका सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक स्तर उच्चकोटि का था।

परिजन ने बताया कि मृतक की रात्रि लगभग 9:30 बजे तक पारिवारिक सदस्यों से फोन में बातचीत भी हुई थी. तब कोई बात नहीं लगी कि वो तनाव में थे या फिर किसी तरह की परेशानी में थे. ऐसे व्यक्ति से आत्महत्या जैसा कदम उठाने की उम्मीद नहीं है. उन्होंने बताया कि वो विभागीय उच्च प्रशिक्षण के लिए घटना से लगभग 10 दिन पूर्व देहरादून भी गए थे. इस दौरान उनके खाते से 8 जून 2024 को 1,000/- और 9 जून को 44 हजार रुपए निकाले गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सारा खर्चा विभाग द्वारा वहन किया जाता है. उन्होंने पुलिस से आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि उनके बड़े भाई के खिलाफ कोई गहरी साजिश हुई है, जिसका पर्दाफाश होना अति आवश्यक है. मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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