ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की लालपुर नगर पंचायत में आगामी निकाय चुनावों के लिए महिला ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षित सीट पर एक सामान्य जाति की महिला के ओबीसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने का मामला सामने आया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
सिख धर्म में सभी महिलाएं अपने नाम के साथ ‘कौर’ उपनाम लगाती हैं, जिससे उनकी जाति की पहचान स्पष्ट नहीं होती। आरोप है कि रंधावा जाति, जो सामान्य वर्ग में आती है, की एक महिला ने जट सिख के बजाय ‘जाट’ का उल्लेख कर ओबीसी प्रमाणपत्र हासिल किया है। यह प्रमाणपत्र उन्हें लालपुर नगर पंचायत की ओबीसी आरक्षित महिला सीट से चुनाव लड़ने में सहायता करेगा।
विपक्ष का आरोप।
विपक्षी दलों का कहना है कि सत्ताधारी नेताओं के दबाव में नौकरशाह इस तरह के कार्य कर रहे हैं, जिससे वास्तविक ओबीसी समुदायों के अधिकारों का हनन हो रहा है। उनका आरोप है कि राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।
इस प्रकरण में आपत्तिकर्ताओं ने न्यायालय जाने की बात कही है और घोषणा की है कि वे सड़क से लेकर सदन तक इस लड़ाई को जारी रखेंगे, जब तक कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती।
यह मामला उत्तराखंड में प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि आरोप सत्य साबित होते हैं, तो यह राज्य में ओबीसी समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी।
लालपुर नगर पंचायत में ओबीसी प्रमाणपत्र से जुड़ा यह विवाद राज्य की राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है। आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
वही खबर पड़ताल की टीम ने जब इस मामले में एसडीएम किच्छा से बात करने का प्रयास किया तो उनका फोन ना उठने के चलते उनका पक्ष नहीं आ सका ….