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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग हुआ उत्तराखंड के अवैध मदरसों की मैपिंग पर सख्त, राज्य के सभी डीएम को भेजा समन; पढ़िए पूरा मामला…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सामने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को 7 और 10 जून को पेश होना होगा, बता दें की मामला उत्तराखंड में अवैध मदरसों की मैपिंग ना होने से जुड़ा है. दरअसल 13 मई को NCPCR अध्यक्ष उत्तराखंड आए थे. जब उन्होंने अवैध मदरसों की मैपिंग की रिपोर्ट मांगी तो अल्पसंख्यक विभाग ने गेंद जिलाधिकारियों के पाले में सरका दी थी. उसी का जवाब देने के लिए सभी डीएम को समन भेजा गया है…

बता दें की उत्तराखंड में संचालित अवैध मदरसों के मैपिंग मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को समन जारी कर दिया है. जारी किए गए समन के अनुसार प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को दिल्ली में तलब किया गया है, दरअसल, 13 मई को देहरादून पहुंचे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने तमाम विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक के दौरान जब अवैध मदरसों की मैपिंग ना होने का मामला सामने आया, तो आयोग ने इसकी पूरी जानकारी अल्पसंख्यक विभाग से मांगी. जिस पर अल्पसंख्यक विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि मदरसों के मैपिंग में जिलाधिकारी सहयोग नहीं दे रहे हैं।

इसके चलते राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने इस मामले पर जिलाधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने के लिए जिलाधिकारियों को समन भेजने की बात कही थी. जिसके चलते आयोग के अध्यक्ष ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को समन जारी कर दिया है. जारी किए गए समन के अनुसार, 6 जिलों के जिलाधिकारियों को 7 जून और अन्य जिलों के जिलाधिकारियों को 10 जून को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में पेश होना होगा. आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना किसी ठोस कारण, आयोग में पेश न होने पर संबंधित जिला अधिकारी के खिलाफ सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी।

13 मई को देहरादून आए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने न सिर्फ विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की थी, बल्कि कारगी ग्रांट स्थित मदरसों में आवश्यक निरीक्षण भी किया था. इस निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष ने मदरसों की तमाम कमियों को उजागर किया था. हालांकि यहां कोई पहले मामला नहीं है जब आयोग अध्यक्ष ने समन जारी कर जिलाधिकारियों को दिल्ली बुलाया हो. प्रदेश में संचालित मदरसों की मैपिंग और औपचारिक शिक्षा वाले सभी बच्चों को स्कूलों में दाखिला कराने के मामले पर आयोग ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को भी समन जारी किया था।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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