- क्या पहले से शातिर तरीके से रची थी हत्या की साजिश??
- मुकदमे के बाद भी पुलिस रही नाकाम, आखिर मुकदमे दर्ज होने के बाद नहीं को गई सख्त कार्रवाई??
- अगर पहले से होती सख्त कार्रवाई तो बच जाती बाबा की जान??
- अपराध और अपराधियों के आगे क्यों ढीली पड़ रही है जिले की पुलिस ??
- एक बाद एक धार्मिक गुरुओं की दिन दहाड़े हत्या के मामले आ रहें हैं सामने…
उधम सिंह नगर में एक तरफ जहां एक के बाद एक हत्या के मामले देखने को मिल रहे हैं वहीं पुलिस नाकाम दिख रही है, आखिर किसी भी शिकायत को पुलिस द्वारा गंभीर रूप से क्यों नहीं लिया जाता है, आखिर क्यों बदमाशों के आगे कानून ढीला पड़ रहा है??
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- आज उत्तराखंड में उस समय सनसनी फैल गई जब नानकमत्ता में सुबह दिन दहाड़े धार्मिक डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई, बता दें की बाबा के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई थी। डेरे के प्रबंधक की तहरीर पर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रबंधक चरनजीत सिंह पुत्र दिलीप सिंह ने पुलिस को प्रार्थना पत्र सौंपकर बताया था कि 17 जुलाई को सोशल मीडिया के फेसबुक अकाउंट पर जगीर सिंह जख्मी ने डेरे के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह के गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब की प्रबंधक कमेटी में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए पोस्ट डाली थी।
जान से मारने की धमकी दी थी
पोस्ट को शेयर करते हुए परमजीत सिंह खालसा ने बाबा जी की फोटो लगाकर उनको जान से मारने की धमकी दी। प्रबंधक चरनजीत सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व डेरा कार सेवा अलग-अलग संस्थाएं हैं। सोशल मीडिया पर बाबा को जान से मारने की धमकी की जानकारी मिलते ही डेरे समर्थकों में रोष व्याप्त था। इधर मामले में थानाध्यक्ष देवेंद्र गौरव ने नामजद आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी।