ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- हर अभिभावक का सपना होता है कि उसका बेटा पढ लिखकर बड़ा अफसर बने,लेकिन सेवानिवृत सरकारी कर्म चारी पिता को कहां पता था कि उसका एमएससी मैथस पास बेटा अफसर नहीं,बल्कि महाठग ज्ञानेश का चेला बनेगा और लोगों की मेहनत की कमाई को उड़ा कर ले जाएंगा।
जी हां यही है कि हकीकत है अंर्तराज्जीय ठग से अपनी पहचान बनाने वाले आशुतोष चतुर्वेदी का। बताया कि करोड़ों की ठगी का मुख्य आरोपी आशुतोष एमएससी मैथस उतीर्ण है और उस ने इस उच्च शिक्षा को नौकरी पाने के लिए नहीं,बल्कि महाठग ज्ञानेश पाठक का चेला बनकर पूरा किया। इलाहाबाद का रहने वाले ज्ञानेश पर देश भर के कई थानों में 39 से अधिक करोड़ों की ठगी के मुकदमें पंजीकृत है और उसने वर्ष 2021 में हर प्रदेश में प ढे लिखे और जल्द पैसा कमाने की सोच रखने वाले युवकों से सं पर्क किया। जिसमें आशुतोष भी शामिल था। ज्ञानेश ने आशुतो ष को जेकेवी मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का प्रदेश डायरेक्टर नियुक्त किया और खटीमा-हल्द्वानी में ब्रांच कार्यालय खोलकर दिया। बताया जा रहा है कि ब्रांच कार्यालय का अनुशास न व सिस्टम देखकर कोई भी यह संदेह नहीं करता था कि जिस कार्यालय में वह अपना निवेश जमा कर रहे है। वह ठगी का ब्रांच कार्यालय है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2022 में फरार होने से आशु तोष दोनों कार्यालय आता था और कर्मचारियों के साथ मीटिंग भी करता था। जहां वह कर्मचारियों को मैथस की विशेषता को स मझाता और लोगों को मुनाफा दिलाने की योजनाएं भी समझाता था। जब दो करोड़ से अधिक की ठगी का पता चला,तो हर कोई है रान रह गया कि एमएससी मैथस पास एक अंर्तराज्जीय ठग भी निकल सकता है,जबकि ज्ञानेश का चेला गिरफ्तार हो चुका है और ज्ञानेश अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा।