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सूचना आयोग के सचिव को केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने बनाया बंधक, करीब ढाई घंटे बाद छोड़ा, जानिए क्या है कारण??

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड राज्य सूचना आयोग के सचिव केदारनाथ धाम पहुंचे थे बता दें की सचिव को केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने बंधक बना लिया. इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने आक्रोश जताते हुए नारेबाजी भी की। तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने सचिव को करीब ढाई घंटे तक बंधक बनाए रखा. इसके बाद ऊखीमठ एसडीएम अनिल शुक्ला केदारनाथ धाम पहुंचे और मामला शांत कराया।

दरअसल, वर्ष 2024 की केदारनाथ धाम यात्रा शुरू होने से पूर्व धाम में तीर्थ पुरोहितों के भवनों को बिना आपसी सहमति के तोड़ा गया. साथ ही मंदिर मार्ग पर बड़ी बड़ी नालियां बनाने के दौरान तीर्थ पुरोहितों की अस्थायी दुकानों को भी गिराया गया था. जिस दौरान भवनों को तोड़ा गया उस दौरान अरविंद पांडे शासन में अपर सचिव थे. बुधवार सुबह 8 बजे सचिव अरविंद पांडे के केदारनाथ धाम पहुंचने पर आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें मंदिर समिति के आवास पर बंधक बनाया और उनसे भवन तुड़वाने को लेकर आदेश पत्र दिखाने की मांग की, तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि पूर्व में अपर सचिव रहते हुए अरविंद पांडे ने आदेश पत्र दिखाए बिना ही भवनों को तोड़ा गया. जिसके विरोध में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दिन तीर्थ पुरोहितों ने धाम में अपने भवन और दुकानें बंद कर अपना विरोध प्रकट किया था. वहीं बुधवार को अरविंद पांडे किसी अन्य राज्य के आईएएस अधिकारी के साथ केदारनाथ दर्शन करने के लिए धाम पहुंचे थे. लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने सचिव अरविंद पांडे का घेराव कर उन्हें बंधक बना लिया. तीर्थ पुरोहितों ने उनसे बिना सहमति भवन तोड़े जाने के आदेश को दिखाने की मांग की गई. करीब ढाई घंटे तक सूचना आयोग के सचिव को तीर्थ पुरोहितों ने बंधक बनाए रखा.

वहीं, सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ऊखीमठ अनिल शुक्ला वार्ता के लिए पहुंचे. उन्होंने तीर्थ पुरोहितों को समझाया, जिसके बाद तीर्थ पुरोहित और व्यापारी शांत हुए. एसडीएम अनिल शुक्ला ने बताया कि तीर्थ पुरोहित समाज के साथ वार्ता सफलतापूर्वक रही है. उनकी जो भी मांगें हैं, उन पर शासन स्तर से कार्रवाई को लेकर पत्र प्रेषित किया जाएगा।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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