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*संदिग्ध परिस्थितियों में हुई वन दरोगा की मौत, हत्या की आशंका* 

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- तराई पूर्वी वन प्रभाग की किलपुरा रेंज के जंगल में शारदा रेंज टनकपुर के वन दरोगा का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। परिजनों व वन कर्मियों ने शरीर में चोट के निशान होने से हत्या की आशंका जताई है। वन दरोगा शनिवार को दोपहर से लापता था। मिल रही जानकारी के अनुसार शारदा रेंज टनकपुर की कलौनिया चौकी में तैनात वन दरोगा दीप चंद्र उप्रेती आयु 47 निवासी नया गांव कटान चोरगलिया शनिवार को जंगल के रास्ते से घर के लिए रोजमर्रा का सामान लेने के लिए बिरिया मझोला आए थे। उनके साथ में फायर वाचर सुभाष चंद्र जोशी भी था। प्यास लगने पर दरोगा दीप चंद्र उप्रेती रास्ते में बैठ गए। वॉचर को पानी लेने भेज दिया। जब वॉचर सुभाष वापस आया तो दरोगा उप्रेती वहां मौजूद नहीं थे। काफी खोजबीन के बाद जब वॉचर सुभाष को वह नहीं मिले तो उसने इस घटना की सूचना पास मौजूद सेनापानी चौकी स्टाफ को दी। साथ ही यह सूचना शारदा रेंज टनकपुर के रेंजर पूरन चंद्र जोशी को भी दी गई। रेंजर जोशी ने एक टीम मौके पर भेज खोजबीन शुरू करवा दी लेकिन दीप चंद्र उप्रेती का कोई पता नहीं चला। सोमवार को किलपुरा रेंज के वनकर्मी जंगल में गश्त कर रहे थे। इस दौरान वन कर्मियों को प्लाट नंबर 2ए दोगाड़ी सेक्शन किलपुरा रेंज में वन दरोगा उप्रेती का शव दिखाई दिया। शव देखने पर शरीर में चोट के निशान मिले।

वन विभाग ने इस घटना की सूचना तुरंत खटीमा के सीओ पुलिस विमल रावत व कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी को दी। सूचना मिलने पर सीओ पुलिस टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया इसके पश्चात शव को परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक अपने पीछे पत्नी भावना उप्रेती व पुत्र विपुल उप्रेती को रोता बिलखते छोड़ गए हैं। प्रथमदृष्टया चोट के निशान होने पर हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।

रिपोर्ट: अनुज कुमार शर्मा 


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