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किच्छा में खाद्यान्न माफिया का गोलमाल, सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं का खेल” विभागीय अधिकारियों ने साधी चुप्पी

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किच्छा में खाद्यान्न माफिया का गोलमाल, सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं का खेल” विभागीय अधिकारियों ने साधी चुप्पी

ख़बर पड़ताल ब्यूरो। उधम सिंह नगर जनपद के किच्छा क्षेत्र में खाद्यान्न माफियाओं का दबदबा अब भी बरकरार है। सरकारी विभागों की नाक के नीचे यह माफिया संगठित गिरोह बनाकर लगातार खाद्यान्न का गोलमाल कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ये माफिया सस्ते गल्ले की दुकानों पर मिलने वाले सरकारी राशन को निजी मिलों में भेजकर खुलेआम बेच रहे हैं, जिससे सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को पूरा राशन नहीं मिल पा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, यह पूरा खेल लंबे समय से चल रहा है। कई बार शिकायतें दर्ज होने के बावजूद विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। बताया जा रहा है कि किच्छा क्षेत्र के कुछ खाद्यान्न माफिया विभागीय अधिकारियों और सस्ते गल्ला दुकानदारों की मिलीभगत से इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं। शिकायत करने वालों के मुताबिक, जब भी इस पूरे मामले पर संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की जाती है, तो वे फोन नहीं उठाते और जांच की बात कहकर मामले को टाल देते हैं।

खबर पड़ताल को प्राप्त विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सरकारी गोदामों से उठाया गया अनाज सीधे सस्ते गल्ले की दुकानों तक पहुंचने की बजाय निजी मिलों में भेजा जा रहा है, जहां उसे बाजार भाव में बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। इस पूरे खेल में विभाग की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह राशन उन्हीं गरीब परिवारों के लिए है, जिन्हें सरकार योजनाओं के तहत सस्ती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। लेकिन भ्रष्ट तंत्र के कारण यह सुविधा केवल कागजों तक सीमित रह गई है।

अब देखना यह होगा कि क्या जिला प्रशासन इस गंभीर मामले पर कार्रवाई करता है या फिर खाद्यान्न माफियाओं का यह खेल यूं ही चलता रहेगा। फिलहाल किच्छा में सरकारी खाद्यान्न की चोरी और मिलों में सप्लाई का यह मामला जनचर्चा का विषय बना हुआ है।

(रिपोर्ट: खबर पड़ताल / किच्छा)

Rajeev Chawla


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