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2 साल से फरार चल रहा जेकेवी मल्टी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी” का डायरेक्टर चढ़ा उत्तराखण्ड एसटीएफ” के हत्थे, निवेश के नाम पर रकम दुगनी करने का झांसा देकर की थी करोड़ो की ठगी।

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड एसटीएफ के हत्थे बड़ी सफलता लगी है, बता दें की एसटीएफ ने जेकेवी मल्टी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का डायरेक्टर को किया गिरफ्तार, आरोपी ने सोसायटी में निवेश के नाम पर रकम दुगनी करने का झांसा देकर करोड़ो की ठगी थी, बता दें की ये शातिर आरोपी पिछले 2 वर्ष से फरार चल रहा था था, जिसपर इनाम घोषित किया गया था, आरोपी पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में कुल 03 धोखाधड़ी व ठगी के मुकदमें दर्ज थे….

पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के “ऑपरेशन प्रहार” के तहत उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा एक और बड़ी कामयाबी हासिल की गई है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा खतरनाक शातिर व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी अभियान के तहत अब तक “51 शातिर व खतरनाक इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की जा चुकी है।

बता दें की आज 25 जून को सीओ एसटीएफ आर0बी0चमोला द्वारा, प्रभारी निरीक्षक एमपी सिंह के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा थाना हल्द्वानी दर्ज एफआईआर के वांछित 25000 रु.के ईनामी अपराधी आशुतोष चतुर्वेदी पुत्र जयप्रकाश चौबे निवासी वार्ड न0-4 केशवपुरम थाना आईटीआई, काशीपुर को रोडवेज बसअड्डा रुद्रपुर से गिरफ्तार किया गया है।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि आज हमारी टीम के द्वारा एक शातिर अन्तर्राज्यीय ठग को रुद्रपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है जिसके उपर उत्तराखण्ड और यूपी में धोखाधड़ी व ठगी के करीब 03 मुकदमें दर्ज हैं। यह एक तरह का आर्गेनाइज क्राइम था जिसमें इसके द्वारा अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर, एक जेकेवी मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव नामक सोसाइटी बनाकर , उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान व बिहार में अपनी ब्रांच खोलकर लोगों से भिन्न-भिन्न स्कीमों में ज्यादा ब्याज का लालच देकर करोड़ों रुपए की धनराशि निवेश करवाकर गबन किया गया था। उपरोक्त समिति की खटीमा तथा हल्द्वानी में भी ब्रांच थी जिसमें खटीमा में लोगों का करीब एक करोड़ 25 लाख तथा हल्द्वानी में करीब 90 लाख रु0 का गबन अभियुक्तगणों द्वारा किया गया था। अभियुक आशुतोष चतुर्वेदी उपरोक्त सोसाइटी में डायरेक्टर के पद पर था।

उन्होंने कहा की इसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए भी हमारी टीमें कार्य कर रही हैं शीघ्र ही आगे और भी गिरफ्तारियां की जायेंगी।

एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि सोसायटी के निदेशक, अधिकारी, कर्मी अशिक्षित, गरीब, बेरोजगारों को कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देते थे। इस बाबत उनका सोसायटी में खाता खुलवाया जाता और रकम जमा कराई जाती। बाद में बैंक खातों के जरिये जमा रकम को सोसायटी के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। वहां से रकम का गबन हो जाता था। अभी तक की जाँच-पड़ताल से 02 करोड़ से ज्यादा का गबन सामने आया है। वहीं अन्य राज्यों की शाखाओं का गबन मिलाकर घोटाला कई करोड़ों तक पहुँच सकता है।


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