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“दिल्ली सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर खुश हैं पूर्व सीएम हरीश रावत”, बोले:- सत्य की हुई जीत…; साथ ही पीएम की आर्थिक सलाहकार समिति को फर्जी संगठन कहा…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- हमेशा से दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर विवादित बयान देने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अब उनके बाहर आने की खुशी मना रहे हैं, बता दें की दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत खुश हैं. हरीश रावत ने इसे सत्य की जीत बताया है. इसके साथ ही जनसंख्या प्रतिशत को लेकर हाल ही में आई रिपोर्ट पर हरदा ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति को फर्जी संगठन कह दिया….

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को सत्य की जीत का पहला कदम बताया है. उन्होंने न्यायालय का आभार व्यक्त किया और आरोप लगाया कि सत्ता का दुरुपयोग करके किसी को भी जेल में डाला जा सकता है, लेकिन देश में न्यायिक व्यवस्था भी है, और यह सिद्ध हो गया है.

केजरीवाल की अंतरिम जमानत से हरीश रावत खुश

इसके साथ ही हरीश रावत ने कहा कि केजरीवाल की जमानत से लोकसभा चुनाव पर गहरा असर पड़ेगा. पहले चरण के मतदान के बाद चली हवा अब धीरे-धीरे अंधड़ का रूप ले रही है. भाजपा के पांव के नीचे से सत्ता की जमीन खिसक रही है. इंडिया गठबंधन जीत की ओर बढ़ रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी. जो 400 पार का नारा यह दे रहे थे, यह सब नारे सिमट के रह जाएंगे।

आर्थिक सलाहकार समिति को फर्जी संगठन बताया

इसके साथ ही हरीश रावत ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति को फर्जी संगठन बताया. उन्होंने कहा कि समिति ने प्रतिशत के आधार पर रिपोर्ट दी है. यदि यह सच है तो सरकार ने 2021 में जनगणना क्यों नहीं कराई. जनगणना की रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की गई. अब चुनाव के दौरान इस तरह की रिपोर्ट सार्वजनिक करके ये लोग जनता का ध्यान भटकना चाहते हैं. लेकिन जनता अब उनके सभी इरादे समझ गई है. आपको बता दें कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी एक रिपोर्ट में हिंदुओं की जनसंख्या को घटते हुए दिखाया गया था. इस रिपोर्ट के बाद देश में एक नई बहस छिड़ गई थी, जिसमें धर्मनगर हरिद्वार के साधु संतों ने भी घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की थी. संतों ने सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने और समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की थी।


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