Breaking News

“एमडीएमए ड्रग्स का खतरा: क्लबों और होटलों में हाई-फाई पार्टियों का शक, पुलिस अलर्ट मोड में”

Share

एमडीएमए ड्रग्स का खतरा: क्लबों और होटलों में हाई-फाई पार्टियों का शक, पुलिस अलर्ट मोड में
देव बैसला ने दिया 12 हजार रुपये का लालच, फरवरी में जेल से छूटा था आकाशदीप

रूद्रपुर। संवाददाता
तराई-भाबर क्षेत्र में हाई-फाई ड्रग्स तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे यह आशंका गहराने लगी है कि क्या अब क्लबों और होटलों में एमडीएमए (MDMA) जैसी घातक ड्रग्स की पार्टियां आयोजित की जा रही हैं? रईसजादों के बीच लोकप्रिय हो रही यह खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स अब उत्तराखंड में भी पैर पसारती दिखाई दे रही है।

इस सिलसिले में हाल ही में एक बड़ी गिरफ्तारी सामने आई है, जिसमें खुलासा हुआ कि दिल्ली के जनकपुरी में रहने वाला एक युवक अर्पित, एमडीएमए ड्रग्स की सप्लाई के इरादे से उत्तराखंड आया था। पूछताछ में उसने बताया कि उसे यह काम करने के लिए दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर देव बैसला ने 12 हजार रुपये देने का लालच दिया था। इस काम में अर्पित के साथ आकाशदीप नाम का युवक भी शामिल था, जिसे 2 हजार रुपये मिलने थे।

गौरतलब है कि आकाशदीप कुछ ही महीनों पहले, फरवरी 2025 में फरीदाबाद जेल से धोखाधड़ी के एक मामले में छूट कर आया था। पुलिस को आशंका है कि अब यह गैंग उत्तराखंड में हाई-फाई ड्रग्स की सप्लाई का नया नेटवर्क खड़ा कर रहा था।

क्लबों-होटलों पर गिर सकती है गाज
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि जिस प्रकार से एमडीएमए जैसी पार्टी ड्रग्स का प्रसार हो रहा है, यह चिंता का विषय है। ड्रग्स तस्करी का तरीका और इसके उपयोग के संदर्भ को देखते हुए पुलिस इस संभावना को खारिज नहीं कर सकती कि होटलों और क्लबों में पार्टियों के नाम पर इसका सेवन हो रहा है। एसएसपी ने बताया कि जल्द ही जिले भर के होटल और क्लबों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया जाएगा।

एमडीएमए: एक जानलेवा नशा
एमडीएमए को नशे की दुनिया में ‘एक्स्टसी’ या ‘मौली’ जैसे नामों से जाना जाता है। यह एक शक्तिशाली सिंथेटिक ड्रग है, जो उत्तेजक (Stimulant) और मतिभ्रम (Hallucinogen) दोनों की भूमिका निभाती है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हुए यह व्यक्ति में अस्थायी रूप से ऊर्जा, उत्साह और सहानुभूति की भावना को बढ़ाता है। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन शरीर के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, एमडीएमए ड्रग्स का सेवन हृदय संबंधी समस्याएं, रक्तचाप में भारी उतार-चढ़ाव, गुर्दे की विफलता और अत्यधिक स्थिति में मौत तक का कारण बन सकता है। यही वजह है कि नारकोटिक्स विभाग इसे हाई रिस्क ड्रग मानते हुए इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है।

बड़े शहरों से उत्तराखंड तक पहुंचा नेटवर्क
अब तक एमडीएमए ड्रग्स की खपत मुंबई, दिल्ली, गोवा और पुणे जैसे बड़े शहरों तक सीमित थी, लेकिन अब इसका फैलाव उत्तराखंड जैसे शांत और पहाड़ी राज्य तक हो जाना बेहद चिंताजनक है। विशेषज्ञ मानते हैं कि पर्यटकों और स्थानीय रईसजादों के लिए क्लब पार्टी का नया चलन इस तस्करी को बढ़ावा दे रहा है।

पुलिस की रणनीति और चुनौती
पुलिस अब होटल संचालकों, क्लब मालिकों और आयोजनकर्ताओं से पूछताछ कर सकती है। साथ ही, ड्रग्स के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए विशेष निगरानी टीम और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया जा रहा है।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा, “हम नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। कोई भी होटल, क्लब या व्यक्ति जो इस गतिविधि में शामिल पाया गया, उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

उत्तराखंड जैसे राज्य में एमडीएमए जैसी घातक ड्रग्स की घुसपैठ न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने पर भी एक बड़ा खतरा है। जरूरत है जागरूकता, सतर्कता और कठोर कार्रवाई की ताकि युवाओं को इस जहर से बचाया जा सके

Rajeev Chawla


Share