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मदरसों में बच्चों को दी जा रही थी ऐसी शिक्षा जिसे सुनकर आपके उड़ जाएंगे होश, पुलिस ने किया दो मौलवी को अरेस्ट, 93 बच्चों का रेस्क्यू…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- राजधानी के मदरसों में बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जा रही थी जिसे सुनकर आपको यकीन नही होगा बता दें की राजधानी पुलिस और राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम ने कुछ मदरसों पर छापा मारा. यहां से दो मौलवियों को गिरफ्तार करके 93 बच्चों का रेस्क्यू किया गया. फिर उन्हें वाराणसी के सुधार गृह भेज दिया गया. आरोप है कि मौलवी, बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के बजाय कुछ और ही शिक्षा दे रहे थे. एक बच्चे ने खुद इस बारे में राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सुचित्रा चतुर्वेदी को बताया. बच्चे की बातें सुनकर वो भी हैरान रह गईं.

लखनऊ: बिहार से कई बच्चों को उत्तर प्रदेश लाया जा रहा था. फिर यहां मदरसों में पढ़ाई-लिखाई की जगह बच्चों को कुछ और ही शिक्षा दी जा रही थी. सहारनपुर में पहले 83 बच्चों का रेस्क्यू किया गया. उसके बाद 4 बच्चों का और अब 93 मासूमों का रेस्क्यू किया गया. लखनऊ के मदरसों में राज्य बाल संरक्षण आयोग और पुलिस ने छापा मारकर इन 93 बच्चों का रेस्क्यू किया. सभी बच्चों को फिर वाराणसी के सुधार गृह भेज दिया गया. कुछ बच्चों के माता-पिता वापस उन्हें अपने साथ ले गए. तो कुछ अभी भी सुधार गृह में ही हैं।

पुलिस ने बताया कि दो मौलवियों को भी गिरफ्तार किया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. वहीं, रेस्क्यू किए गए एक बच्चे ने राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सुचित्रा चतुर्वेदी को कई चौंकाने वाली बातें बताईं. बच्चे ने बताया कि वो बिहार का रहने वाला है. उसे लखनऊ लाया गया था, ये कहकर कि तुम्हें हम हाफिज बनाएंगे. बच्चे ने कहा, ‘हमें तो बस हाफिज बनना है. मौलवी कहते हैं कि इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं. जो अच्छे लोग होते हैं उनका पुनर्जन्म नहीं होता. जो बुरे लोग होते हैं उनका पुनर्जन्म होता है. जो हाफिज होता है वो जन्नत में जाता है. साथ में 10 लोगों को भी जन्नत में ले जाता है.’

सुचित्रा चतुर्वेदी ने कहा- जिस तरह से इन बच्चों को पढ़ाई-लिखाई की जगह ये सब सिखाया जा रहा है, वो किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. जो बच्चे ठीक से हिंदी तक नहीं बोल पाते, वे पुनर्जन्म बोल रहे हैं. हिंदू धर्म और इस्लाम में अंतर भी बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने इन बच्चों से बात की और इनकी मानसिकता को गहराई से समझा. बच्चों को दीन की शिक्षा, जन्नत के सपने दिखाए जाते थे. उन्हें पढ़ाई-लिखाई से दूर रखा जा रहा था. यह बातें उन्हें बाकी दुनिया से अलग कर रही थीं, पुलिस की मानें तो लखनऊ में पंजीकृत मदरसों की कुल संख्या 131 है. जबकि 111 अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं. कुल 18 मदरसे हैं, जिन्हें सरकार से अनुदान मिलता है, जबकि ज्यादातर मदरसे सिर्फ मान्यता के आधार पर चलते हैं. लखनऊ में 111 अवैध मदरसे मिले और बाकी जांच भी कराई जा रही है। वहीं, मान्यता प्राप्त 7 मदरसों के प्रबंधन ने इन्हें बंद करने के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया है।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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