थार बुकिंग में धोखाधड़ी का आरोप, कोर्ट के आदेश पर महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन-निदेशक समेत 4 पर केस दर्ज
ख़बर पड़ताल ब्यूरो। शादी के मौके पर बेटे के लिए महिंद्रा थार बुक करना एक परिवार को भारी पड़ गया। ग्राहक की बुकिंग को कथित रूप से बिना अनुमति कैंसिल कर गाड़ी किसी और को बेचने का मामला सामने आया है। आरोप है कि इस पूरे खेल में कंपनी और उसके डीलर ने मिलकर धोखाधड़ी की। कोर्ट के आदेश पर महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन, निदेशक और अधिकृत डीलर स्टार मोटर्स समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मामला कहाँ का है?
पूरा मामला प्रयागराज के लाइन बाजार थाना क्षेत्र का है। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के मोकलपुर गांव निवासी अधिवक्ता गणेश यादव के पिता राजमन यादव ने 3 अक्टूबर 2024 को बेटे की शादी के लिए थार की बुकिंग कराई थी। इसके लिए 21 हजार रुपये बुकिंग अमाउंट भी कंपनी के खाते में जमा कराया गया। डीलर ने भरोसा दिया था कि मार्च 2025 में गाड़ी की डिलीवरी मिल जाएगी।
लेकिन तय समय पर जब गाड़ी नहीं मिली तो यादव परिवार को गहरा झटका लगा।
बुकिंग कैंसिल का SMS और धोखाधड़ी का आरोप
आरोप है कि डीलर ने बिना ग्राहक से पूछे खुद ही बुकिंग कैंसिल दिखा दी और गाड़ी किसी अन्य ग्राहक को बेच दी। जब मोबाइल पर बुकिंग कैंसिल होने का मैसेज आया तो पीड़ित डीलर के पास पहुंचा। उस समय डीलर ने 21 हजार की बुकिंग राशि में से 2,100 रुपये काटकर मात्र 18,900 रुपये वापस कर दिए।
परिवार का आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया फर्जीवाड़ा थी। कंपनी और डीलर ने मिलकर ऐसा दिखाने की कोशिश की जैसे ग्राहक ने खुद बुकिंग कैंसिल कराई हो। इतना ही नहीं, आरोपियों द्वारा झूठे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी तैयार किए गए।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, कोर्ट पहुँचे पीड़ित
पीड़ित परिवार ने पहले लाइन बाजार थाने में इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन, निदेशक और डीलर समेत चार के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया।
अब लाइन बाजार पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कंपनी और डीलर पर गंभीर सवाल
पीड़ित अधिवक्ता गणेश यादव का कहना है कि अगर बुकिंग उन्होंने खुद कैंसिल कराई होती तो कंपनी पूरी राशि जब्त कर लेती। लेकिन यहां पर 2,100 रुपये काटकर बाकी रकम लौटा दी गई। बिना स्पष्टीकरण और बिना अनुमति ऐसा करना धोखाधड़ी और उपभोक्ता अधिकारों का हनन है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी और डीलर दोनों को शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
बढ़ने लगी चर्चा
मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। थार प्रेमियों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि इतनी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी और उसके अधिकारी ग्राहक के साथ इस तरह की लापरवाही और कथित धोखाधड़ी कैसे कर सकते हैं। अब देखना होगा कि पुलिस की जांच और आगे की कानूनी कार्यवाही में क्या सच्चाई सामने आती है।