ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- विधायक के परिवार वालों की दबंगई के मामले सामने आते रहते हैं एक और मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा से सामने आया है, जहां विधायक के भाई और भांजे पर ग्राम प्रधान के साथ पहले मारपीट की और फिर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है, वहीं दर्जा मंत्री भी पीड़ित के समर्थन आ गए और अपने साथियों के साथ थाने पहुंचे, वहीं पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है…
रानीखेत में विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई व भांजे के खिलाफ ग्राम प्रधान से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में केस दर्ज हुआ है। हैरानी की बात यह है कि दर्जा राज्य मंत्री कैलाश चंद्र पंत भी पीड़ित के पक्ष में अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने की वकालत की। इस मामले की राजनीतिक गलियारों में भी खूब चर्चा है।
ग्राम मिचोली, पोस्ट सीम निवासी संदीप खुलबे ने बीते मंगलवार भतरौंजखान थाने मे तहरीर दी है। उन्होंने बताया कि पीपलमंडी से भतरौंजखान पहुंचने पर विधायक के भाई सतीश नैनवाल और उनके भांजे संदीप बधानी ने रामनगर रोड स्थित वैल्डिंग की दुकान के ठीक सामने उसकी गाड़ी को रोका और बाहर खींचकर उसे बुरी तरह पीट दिया। वहीं उसे जान से मारने की धमकी भी दी। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया तो दूसरे दिन पीड़ित के पक्ष में दर्जा राज्य मंत्री कैलाश पंत अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए। उन्होंने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराने की वकालत की। इस दौरान थाने में गहमागहमी का माहौल रहा।
आखिरकार दो घंटे बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर पीड़ित और दर्जा राज्य मंत्री पंत अपने समर्थकों के साथ वहां से रवाना हुए। हालांकि दूसरे पक्ष ने भी प्रधान के खिलाफ तहरीर दी है, लेकिन उसके खिलाफ केस दर्ज नहीं हुआ है। प्रभारी थानाध्यक्ष जीआर गोला ने कहा कि प्रधान की तहरीर पर दोनों के खिलाफ धारा 323, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दर्जा राज्य मंत्री कैलाश पंत ने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार और हमारी पार्टी का विधायक होने के बावजूद भी जमीन से जुड़ा कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं है। ऐसे में आम जनता का अच्छा संदेश नहीं जाएगा। कहा मुझे खुद पीड़ित के पक्ष में थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग करनी पड़ी। मामला ऊपर तक ले जाऊंगा। भाजपा के शासन में गुंडागर्दी नहीं चलेगी, चाहे ऐसा करने वाला पार्टी से ही जुड़ा क्यों न हो।