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“बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में बड़ा खुलासा” Uttar Pradesh का दिलबाग सिंह है मुख्य षड्यंत्रकारी; दी थी शूटरों को बाबा की सुपारी…नानकमत्ता गुरुद्वारा का सेवादार निकला हत्यारों का मुखबिर, देता था बाबा के दिनचर्या की पल- पल की जानकारी

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- नानकमत्ता में हुई बाबा तरसेम सिंह की हत्या में बड़ा खुलासा हुआ है, बता दें की आज पुलिस द्वारा नानकमत्ता थाने में कॉन्फ्रेंस ब्रीफिंग की गई थी जिसमे एसएसपी मंजूनाथ टीसी द्वारा जानकारी देते हुए बताया की पुलिस द्वारा यूपी के अलग अलग शहरों में डेरा डाला हुआ था, उसी क्रम में पीलीभीत से पुलिस ने 4 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिसमे में मुख्य षड्यंत्रकारी जिसने बाबा तरसेम सिंह की हत्या की 10 लाख की सुपारी पंजाब के शूटरों को दी थी, वहीं एक नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब का सेवादार भी शामिल है जो बाबा तरसेम सिंह की दिनचर्या की पल पल की खबर दोनो शूटरों को देता था, साथ ही हथियार भी उपलब्ध करवाए थे, हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया था जिसे उसके साथियों के साथ पुलिस ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत सहित अलग अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। आपको बता दें की मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह और उसके साथी अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू ने नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में कमरा नंबर 23 किराए पर लिया गया और नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के एक कर्मचारी अमनदीप सिंह उर्फ काला, निवासी बरा जगत थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को अपने प्रभाव में लेकर व लालच देकर उसकी सहायता से 28 मार्च को बाबा तरसेम सिंह की सही-सही लोकेशन ज्ञात कर ली और उसके उपरांत सराय से निकलकर डेरा कर सेवा में जाकर बाबा तरसेम सिंह को गोली मार दी। सीसीटीवी फुटेज आदि के आधार पर यह जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अपराधी घटना को अंजाम देने के उपरांत सीधे मुकदमा उपरोक्त के षड्यंत्रकारी दिलबाग सिंह निवासी ग्राम कवीरपुर, तहसील पुआयाँ जिला शाहजहांपुर के घर पर पहुंचे और वहां से उनके द्वारा दिलबाग सिंह और उसके साथियों से पूर्व में निर्धारित की गई धनराशि में से 5,00000 लाख रूपये प्राप्त कर लिए और फिर अभियुक्त दिलबाग की सहायता से फरार हो गए, थाना नानकमत्ता पुलिस द्वारा अभियुक्त गण, दिलबाग सिंह पुत्र लक्षमण सिंह निवासी ग्राम कबीर पुर थाना निगोही जिला शाहजहाँपुर, अमनदीप सिंह उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बरा जगत थाना अमरिया बिला पीलीभीत, हरमिंदर ऊर्फ पिदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीर पुर थाना तिलहर जिला शाहजहाँपुर, बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा धाना करेली जिला पीलीभीत को विभिन्न स्थानो से गिरफ्तार किया गया..

बाबा तरसेम सिंह जी की हत्या के बाद ये सवाल सबसे ज्यादा उठ रहा था की आखिर बाबा की दिनचर्या की जानकारी हत्यारों को कौन दे रहा था…

बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा की गई जांच के उपरांत यह तथ्य प्रकाश में आया कि घटना को जिन दो लोगों के द्वारा कारित किया गया है, उनमें से एक व्यक्ति की पहचान सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह, निवासी तरन तारण, पंजाब, के रूप में हुई और दूसरे व्यक्ति की शिनाख्त अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार, सुरेंद्र सिंह निवासी नगली फतेहगढ़, चूड़ियां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब के रूप में हुई है। यह भी जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों व्यक्ति दिनांक 19/3/24 को गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में आए हुए थे और उनके द्वारा गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब की सराय में कमरा नंबर 23 में दिनांक 19/3/24 से ही रुके हुए थे। सराय के उक्त कमरे को लेने से पूर्व अभियुक्त सर्वजीत सिंह के द्वारा अपनी आई डी, आधार कार्ड, नम्बर एवं मोबाइल नंबर को सराय के रजिस्टर में दर्ज किया हुआ था। सर्वजीत सिंह के बारे में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि यह व्यक्ति पूर्व में कई अपराधिक गतिविधियों में लिप्त था और इसके आपराधिक इतिहास की जानकारी करने पर इसके विरुद्ध लगभग एक दर्जन अभियोग गम्भीर धाराओं में पंजीकृत होना पाया गया। सर्वजीत सिंह के मोबाइल की कॉल डिटेल के अनुसार वह दिनांक 19/3/24 से लेकर दिनांक 27/3/24 तक रामपुर/ बाजपुर/किच्छा/बरेली/शाहजहांपुर आदि में घूमता रहा प्राप्त सीसीटीवी फुटेज और मैनुअल इनपुट के आधार पर उपरोक्त दोनों अभियुक्त गणों की उचित शिनाख्त हुई है।

प्राप्त मैन्युअल इनपुट और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के आधार पर ज्ञात हुआ कि दोनों अभियुक्त गणों के द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और मोबाइल फोन दिनांक 14/3/24 को कस्बा तिलहर, थाना तिलहर, जनपद शाहजहांपुर से क्रय किए।

प्राप्न मोबाइल नंबरों के आधार पर अभियुक्त गणों के पुराने नंबर प्राप्त हुए, जिनके विश्लेषण के उपरांत यह जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अभियुक्त गण जनपद शाहजहांपुर, तहसील पुवायां के ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह एव बलकार सिंह, सतनाम सिंह, परगट सिंह, हरविन्द्र सिंह उर्फ पिदी आदि के सम्पर्क में माह फरवरी 2024 से थे । उपरोक्त लोगों के द्वारा कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर गुरुद्वारा नानक मला साहिब स्थित डेरा कार सेवा एंव तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबंधन अपने वर्चस्व में लेने के आशय से बाबा तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई गयी थी। इस योजना के अनुसार दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने एक सुनोयोजित तरीके से पेशेवर अपराधियों । सबरजीत सिंह, अमर जीत सिंह उर्फ विड्डू उपरोक्त को को अपने द्वारा निर्धारित किए गए कार्य के लिए 10 लाख रुपए में हायर किया गया और घटना से पूर्व दोनों अपराधियों को 1,60000 रुपए एडवांस के तौर में दिए गए। उपरोक्त दोनों अपराधियों को घटना करने के लिए हर प्रकार की सुविधा प्रदान की गई। सुनोयोजित साजिश के तहत हायर किए गए। अभियुक्त गण। सवरजीत सिंह, अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के द्वारा दिनांक 19/3/24 को नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में कमरा नंबर 23 किराए पर लिया गया और दिनांक 19/3/24 से लेकर दिनांक घटना तक निरंतर वहीं पर रहकर और घूम फिर कर बाबा तरसेम सिंह के प्रतिदिन के दिनचर्या की जानकारी की गई और इसके उपरांत इन दोनों के द्वारा नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के एक कर्मचारी अमनदीप सिंह उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह, निवासी बरा जगत थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को अपने प्रभाव में लेकर व लालच देकर उसकी सहायता से दिनांक 28/3/24 को बाबा तरसेम सिंह की सही-सही लोकेशन ज्ञात कर ली और उसके उपरांत सराय से निकलकर डेरा कर सेवा में जाकर बाबा तरसेम सिंह को गोली मार दी। सीसीटीवी फुटेज आदि के आधार पर यह जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अपराधी घटना कारित करने के उपरांत सीधे मुकदमा उपरोक्त के षड्यंत्रकारी दिलबाग सिंह निवासी ग्राम कवीरपुर, तहसील पुआयाँ जिला शाहजहांपुर के घर पर पहुंचे और वहां से उनके द्वारा दिलबाग सिंह और उसके साथियों से पूर्व में निर्धारित की गई धनराशि में से 5,00000 लाख रूपये प्राप्त कर लिए और फिर अभियुक्त दिलबाग की सहायता से फरार हो गये। फरार शूटर सरबजीत व अमरजीत की गिरफ्तारी पर कुमायूं रेंज स्तर से 1 लाख का नगद इनाम घोषित किया गया है।

वहीं हत्या किस लिए की गई इसकी सही जानकारी अभी पुलिस द्वारा नही बताई जा रही है


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