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नजूल भूमि पर बसे 30,000 से अधिक परिवारों को मिली बड़ी राहत | जिला प्रशासन ने हटाई रोक | शिव की फटकार या ठुकराल की देहरादून लॉबिंग—कौन है असली नायक?

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रुद्रपुर नजूल भूमि विवाद—बिजली कनेक्शन पर लगी रोक हटने के बाद शुरू हुआ श्रेय का सियासी संग्राम: शिव अरोरा या राजकुमार ठुकराल, जनता आगामी विधानसभा चुनाव में किसे देगी क्रेडिट?

नजूल भूमि पर बसे 30,000 से अधिक परिवारों को मिली बड़ी राहत | जिला प्रशासन ने हटाई रोक | शिव की फटकार या ठुकराल की देहरादून लॉबिंग—कौन है असली नायक?

राजीव चावला/ एडिटर

खबर पड़ताल। नजूल की जमीन पर वर्षों से रह रहे 30,000 से अधिक परिवारों के लिए आखिरकार बड़ी राहत का आदेश जारी हुआ है। लंबे समय से बिजली कनेक्शन पर लगी रोक के कारण लोग भारी परेशानी झेल रहे थे, लेकिन अब जिला प्रशासन द्वारा रोक हटाए जाने के बाद घरों में बिजली कनेक्शन बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।

राहत आदेश जारी होने के साथ ही राजनीतिक माहौल गर्मा गया है कि इसका श्रेय किसे दिया जाना चाहिए—मौजूदा विधायक शिव अरोरा को या पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को। दोनों ही अपने-अपने स्तर पर इसे अपनी उपलब्धि बताते हुए सामने आए हैं और इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

नजूल भूमि पर निवास कर रहे परिवारों को पिछले 2023 वर्ष में लगाई गई रोक के बाद बस्ती के निवासरत परिवारों को अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था। क्यों प्राधिकरण के इस आदेश पर कि आदेश पर बिजली विभाग ने कनेक्शन जारी करने पर रोक लगा दी थी, जिससे लोगों के अंदर गहरा आक्रोश पनपा।

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक स्तर पर हस्तक्षेप किया—और यहीं से शुरू हुआ राजनीतिक श्रेय का संघर्ष।

विधायक शिव अरोरा की पहल

बीते सप्ताह विधायक शिव अरोरा ने जिला विकास प्राधिकरण कार्यालय में पहुंचकर मामले को सख्ती से उठाया था। जनता की लगातार परेशानी का हवाला देते हुए उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और जिलाधिकारी से मुलाकात की।

उन्होंने आश्वासन दिया कि सोमवार को वार्ता होगी और समाधान निकलेगा। निर्धारित समय से पहले ही अधिकारियों के साथ बैठक होने के बाद आदेश जारी कर दिया गया, जिसमें कनेक्शन जारी करने पर लगी रोक हटाने का निर्णय हुआ।

पूर्व विधायक ठुकराल की लॉबिंग

दूसरी ओर, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भी इस पूरे मामले के समाधान के प्रयास में सक्रिय रहे। उन्होंने देहरादून पहुंचकर मुख्य सचिव से मुलाकात की और रुद्रपुर की जमीनों को तीन श्रेणियों में विभाजित किए जाने से उत्पन्न समस्याओं को विस्तार से रखा।

ठुकराल का दावा है कि उन्हीं की वार्ता के दौरान मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को तत्काल फोन कर नजूल भूमि पर बसे लोगों को राहत देने के निर्देश दिए, जिसके बाद ही आदेश जारी हुआ।

किसका श्रेय? जनता तय करेगी

वर्तमान विधायक शिव अरोरा और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल दोनों का कहना है कि उन्होंने नजूल पर बसे परिवारों को बिजली कनेक्शन संबंधी समस्या से राहत दिलाने के लिए पूरी ताकत लगाई।

अब यह मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है—
असली श्रेय किसे?
इस पर फैसला अब जनता की अदालत में होगा, और यह लड़ाई 2027 में नहीं बल्कि 2026 के विधानसभा चुनाव में दिख सकती है।

निष्कर्ष

जमीन और बिजली कनेक्शन जैसे मुद्दों को लेकर रुद्रपुर में संवेदनशीलता हमेशा से रही है। इस बार, यह सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं बल्कि राजनीतिक दांव-पेंच के केंद्र में बदल गया है। जनता राहत पाकर खुश है, लेकिन यह राहत किसके दम पर मिली—यह चर्चा अब सियासत की धुरी बन चुकी है।

“नजूल भूमि पर राहत, बिजली कनेक्शन पर लगी रोक हटाई—अब जनता तय करेगी श्रेय का मालिक: शिव या ठुकराल?”

Rajeev Chawla


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