Breaking News

“Big News” 12वीं की बुक से हटाया NCERT ने बाबरी मस्जिद का जिक्र, कारसेवा और विध्वंस की डिटेल्स भी गायब, बोले NCERT प्रमुख:- “दंगों के बारे में पढ़ाने की जरूरत नहीं”

Share

ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- भगवान राम से लेकर श्री राम तक, बाबरी मस्जिद, रथयात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी को NCERT की नई किताब से हटा दिया गया है।

शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताब में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो अब बाजार में मौजूद हैं. सबसे बड़ा परिवर्तन “बाबरी मस्जिद” शब्द को हटाना है, जिसे अब नए एडिशन में ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ के रूप में बताया गया है. इसके अतिरिक्त, अयोध्या पर अध्याय को चार पेज से घटाकर दो पेज में कर दिया गया है।

किताबों में क्या कुछ बदला गया है:

* बाबरी मस्जिद संदर्भ को हटाना: इस शब्द को ‘तीन-गुंबददार संरचना’ से बदल दिया गया है.

* अयोध्या चैप्टर में कमी: इसके कंटेंट को चार पेज से घटाकर दो पेज कर दिया गया है, जिसमें भगवान राम की रथ यात्रा, कार सेवकों की भूमिका, बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हिंसा और राष्ट्रपति शासन लगाने का जिक्र है.

* ऐतिहासिक विवरण में बदलाव: बाबरी मस्जिद का पिछला विवरण 16वीं शताब्दी में मीर बाकी द्वारा निर्मित मस्जिद के रूप में किया गया है, जिसे अब 1528 में भगवान राम के जन्मस्थान पर निर्मित एक संरचना के रूप में बताया गया है, जिसमें हिंदू चित्रों और मूर्तियों का उल्लेख है.

कानूनी और सांप्रदायिक विवरण में बदलाव:

* पुरानी किताब में 1986 में फैजाबाद जिला न्यायालय द्वारा मस्जिद को पूजा के लिए खोलने के फैसले के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिससे सांप्रदायिक तनाव और दंगे हुए थे.

* नई किताब इन घटनाओं का सारांश प्रस्तुत करती है, जिसमें ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ के उद्घाटन और उसके बाद के कानूनी और सांप्रदायिक संघर्षों का उल्लेख है.

* सुप्रीम कोर्ट का निर्णय शामिल: नए संस्करण में सुप्रीम कोर्ट का 2019 का फैसला शामिल है कि विवादित भूमि मंदिर की है.

* विजुअल कंटेंट को हटाना: कल्याण सिंह सरकार को हटाने से संबंधित समाचार पत्रों की कटिंग को भी किताबों से हटा दिया गया है.

* गुजरात दंगा चैप्टर हटाया गया: डेमोक्रेटिक राइट्स वाले चैप्टर से गुजरात दंगों का जिक्र हटा दिया गया है.

पुरानी किताब की शुरुआत इस प्रकार हुई – “दूसरा घटनाक्रम फरवरी 1986 में फैजाबाद जिला अदालत का आदेश था. अदालत ने बाबरी मस्जिद परिसर को खोलने का आदेश दिया ताकि हिंदू उस स्थान पर प्रार्थना कर सकें जिसे मंदिर माना जाता है. अयोध्या में बाबरी मस्जिद के नाम से मशहूर मस्जिद को लेकर कई दशकों से विवाद चल रहा है. बाबरी मस्जिद अयोध्या में 16वीं सदी की मस्जिद थी और इसे मुगल सम्राट बाबर के जनरल मीर बाकी ने बनवाया था. कुछ हिंदुओं का मानना है कि इसे भगवान राम के मंदिर को तोड़कर बनाया गया था, जिसे उनका जन्मस्थान माना जाता है. यह विवाद एक अदालती मामले का रूप ले चुका है जो कई दशकों से जारी है. 1940 के दशक में, मस्जिद पर ताला लगा दिया गया था क्योंकि मामला अदालत में था, “जैसे ही बाबरी मस्जिद के ताले खुले, दोनों पक्षों में लामबंदी शुरू हो गई. इस प्रश्न पर कई हिंदू और मुस्लिम संगठनों ने अपने समुदायों को लामबंद करना शुरू कर दिया. अचानक, यह स्थानीय विवाद एक बड़ा राष्ट्रीय प्रश्न बन गया और सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. भाजपा ने इस मुद्दे को अपना प्रमुख चुनावी और राजनीतिक मुद्दा बनाया. आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद जैसे कई अन्य संगठनों के साथ, उन्होंने प्रतीकात्मक और लामबंदी कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की. इस बड़े पैमाने पर लामबंदी के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया और सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाएं हुईं. जनता का समर्थन जुटाने के लिए भाजपा ने गुजरात के सोमनाथ से यूपी के अयोध्या तक रथयात्रा नामक एक विशाल मार्च निकाला।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


Share