Breaking News

*Big News” हाथरस सत्संग हादसे में CM योगी का बड़ा एक्शन, SDM-CO सहित 6 अफसर सस्पेंड; पढ़ें पूरी ख़बर।*

Share

ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- हाथरस में हुए कांड मामले में बड़ी अपडेट सामने आ रही है, बता दें की उत्तरप्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को हुई भगदड़ में करीब 121 लोगों की मौत हो गई थी. अब इस मामले में योगी सरकार का एक्शन शुरू हो गया है. SIT रिपोर्ट के बाद एसडीएम, सीओ समेत 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है…

हाथरस के सिकंदराराऊ में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से 123 अनुयायियों की मौत के मामले में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है. एसआईटी ने पांच दिन की गहन जांच के बाद सोमवार को रिपोर्ट भेजी है. इसमें दुर्घटना से जुड़े सभी पक्षों के बयान दर्ज करने के साथ ही घटनास्थल व अन्य स्थान से साक्ष्य संकलित किए गए हैं, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में सभी संभावित सवालों के जवाब तलाशते हुए दोषियों को भी रिपोर्ट में बेपर्दा किया है. शासन को रिपोर्ट भेजी जाने की पुष्टि एसआईटी की अध्यक्ष एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने की है. रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीम और सीओ सहित 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

जिन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उनमें रावेंद्र कुमार उपजिलाधिकारी सिकंदराराऊ, आंनद कुमार सीओ सिकंदराराऊ, सुशील कुमार तहसीलदार सिकंदराराऊ, आशीष कुमार प्रभारी निरीक्षक थाना सिकंदराराऊ, कचौरा चौकी प्रभारी मनवीर सिंह शामिल हैं. एसआईटी ने मुख्य आयोजकों व स्थानीय अफसरों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है, रिपोर्ट में कहा गया है कि हाथरस के सिकन्दराराऊ में 02 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 02, 03 और 05 जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया था. जांच के दौरान कुल 125 लोगों के बयान लिए गए, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी लिए गए. इसके अलावा, घटना के संबंध में स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र, विडियो क्लिपिंग का संज्ञान भी लिया गया।

हाथरस हादसे की जांच रिपोर्ट में क्या-क्या लिखा गया

  • एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है.
  • जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्रवाई के आधार पर हादसे के पीछे किसी साजिश से इंकार नहीं किया है. गहन जांच की जरूरत भी बताई है.
  • जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है.
  • स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं.
  • उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया.
  • आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली. अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया.
  • आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारू व्यवस्था नहीं की गई.
  • आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं. इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली.
  • आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया. स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया.
  • सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई.
  • भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी.
  • दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।

एसआईटी की अध्यक्ष एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलक्षेष्ठ और उनकी टीम ने हादसे से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही सेवादार, घायल और मृत अनुयायियों के परिजन से बात की. उनके बयान लिए. रिपोर्ट में करीब 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में हाथरास जिले के डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल के भी बयान दर्ज किए हैं. एसआईटी की टीम ने दुर्घटना से जुड़े हर साक्ष्य को जुटाया है. दुर्घटना स्थल के साथ ही दूसरे हर संभावित स्थान से सबूत जुटाए हैं. एसआईटी ने बयान और साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाल कर रिपोर्ट तैयार की है।

शासन को भेजी गई रिपोर्ट: एसआईटी अधिकारियों ने सोमवार शाम अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेज दी. इसमें सत्संग में भगदड़ मचने से 123 अनुयायियों की मौत के दौषियों को भी बेपर्दा किया गया है. एसआईटी की रिपोर्ट करीब 300 से अधिक पेज की बताई जा रही है. जिसे एसआईटी ने स्पाइरल बाइंडिंग कराने के बाद भेजा है. इस बारे में एसआईटी की अध्यक्ष व एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि, एसआईटी की शासन को भेजी गई रिपोर्ट में हाथरस हादसे से जुड़े सभी पक्षों के लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. सभी पक्षों के बयान और साक्ष्यों का गहन परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय को भेजी गई है. यह रिपोर्ट गोपनीय है. जिसमें रिपोर्ट में क्या है? इस बारे में मुख्यालय स्तर से ही जानकारी दी जाएगी।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


Share