ख़बर पड़ताल ब्यूरो:– विजिलेंस टीम ने बाट-माप विज्ञान विभाग की सहायक नियंत्रक को किच्छा में दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई उस शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें किच्छा के एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि लाइसेंस बनाने के बाद आरोपी अधिकारी ने रिश्वत की मांग की थी। आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
शिकायत और कार्रवाई का विवरण
विजिलेंस के सीओ अनिल सिंह मनराल के अनुसार, किच्छा निवासी एक व्यक्ति ने सतर्कता अधिष्ठान के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि उसने कांटे-बाट की मरम्मत के लिए लाइसेंस आवेदन किया था, जिसे स्वीकृत भी कर दिया गया। लेकिन सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान (बाट और माप) एवं प्रभारी वरिष्ठ निरीक्षक शांति भंडारी ने लाइसेंस बनाने के बाद 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस ने ट्रैप टीम का गठन किया। सोमवार को टीम ने किच्छा स्थित बाट-माप विज्ञान विभाग के कार्यालय में छापा मारा और आरोपी सहायक नियंत्रक को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व की शिकायतें और अन्य जानकारी
विजिलेंस के अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी महिला अफसर पहले से ही उनकी निगरानी में थी। इस पर पूर्व में भी रिश्वतखोरी के आरोप लग चुके हैं। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
निदेशक की सराहना और इनाम की घोषणा
इस कार्रवाई के बाद विजिलेंस के निदेशक डॉ. वी. मुरुगेशन ने टीम की सराहना करते हुए नगद इनाम की घोषणा की है।
रिपोर्ट:- साक्षी सक्सेना