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सावधान हो जाइए” उत्तराखंड पुलिस की है सोशल मीडिया पर आप पर नजर, अगर आपने भी चारधाम यात्रा के दौरान बनाई रील्स तो होगी इन धाराओं में कार्रवाई; डीजीपी अभिनव कुमार ने दिए निर्देश।

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा में बीते कुछ दिनों से अव्यवस्था फैल गई है, जिसमे प्रशासन को, आम जन को ही नहीं बल्कि पुलिस और यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं, बहुत से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के कारण मंदिर में भिड़ जमा हो जाती है क्योंकि ये लोग सिर्फ धाम अपनी वीडियो बनाने ही आते हैं, वहीं अब इसको लेकर जहां एक ओर शासन सख्त हो गया है तो वहीं अब डीजीपी अभिनव कुमार ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। अब अगर कोई भी व्यक्ति धाम में रील बनाते हुए पकड़ा गया तो उस पर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी….

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान मंदिरों में रील्स बनाने वालों पर कई धाराओं में मुकदमे दर्ज हो सकते हैं. पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने इस संदर्भ में सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी करते हुए ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई के लिए कहा है. हालांकि पहले ही सरकार मंदिर परिसर से 50 मीटर के दायरे तक वीडियोग्राफी पर पूरी तरह से बैन लगाने का फैसला ले चुकी है.

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार के सख्त रवैया अपनाने के बाद पुलिस विभाग भी सख्ती के मूड में आ गया है. इस कड़ी में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी करते हुए मामले पर सख्ती बरतने के लिए कहा है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि चारधाम में मंदिर परिसर क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने 50 मीटर तक वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगाया है. लिहाजा इसके लिए पुलिस विभाग आदेशों का पालन करवाएं. पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 21 के तहत मंदिर परिसर में वीडियोग्राफी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

ऐसे लोगों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 के तहत उन्हें उपद्रव करने वाला माना जाएगा और इस धारा में की जाने वाली कार्रवाई धारा 296 भारतीय दंड विधान के तहत की जा सकती है. इसके अलावा यदि किसी मामले में जानबूझकर दुर्भावना पूर्ण तरीके से भारत के नागरिकों या एक वर्ग विशेष की धार्मिक मान्यताओं का अपमान किया जाता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड विधान धारा 295 एक के तहत अपराध पंजीकृत हो सकता है. इसके अलावा धर्म या जाति या स्थान के साथ ही भाषा और समुदाय के आधार पर वीडियो बनाने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 के अंतर्गत अपराध पंजीकृत किया जा सकता है।

उधर दूसरी तरफ पुलिस महानिदेशक ने सोशल मीडिया के माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े स्थलों के बारे में गलत और भ्रामक सूचनाओं फैलाने वालों के खिलाफ भी मॉनिटरिंग व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए कहा है, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते कई जगहों पर अव्यवस्था भी देखने को मिली है और इसलिए पुलिस को सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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