ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल और मांस मिलने का मामला पूरे देश में सुर्खियों में है, बता दें की मामला सामने आने के बाद हिंदुओं भारी रोष है क्योंकि न जाने कितने सालों से उनका धर्म भ्रष्ट किया जा रहा था उनकी आस्था को चोट पहुंचाई जा रही थी, बता दें की मामला सामने आने के बाद अब बाकी राज्यों की सरकार को भी होश आ गया है, यूं कहें की अब सरकार जाग गई, उत्तराखंड में भी सरकार ने चारधाम से लेकर प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं।
बता दें की सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है, अब प्रदेश के चारधाम के साथ ही बाकी प्रसिद्ध मंदिरों में भी प्रसाद की टेस्टिंग करने का फैसला लिया है. खास तौर पर केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के प्रसाद की लैब में टेस्टिंग करवाई जाएगी, ताकि यहां के प्रसाद की शुद्धता को लेकर किसी भी तरह का संदेह न रहे।
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम के साथ ही बाकी प्रसिद्ध मंदिरों में भी प्रसाद की टेस्टिंग करने का फैसला लिया है. संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम के अलावा बाकी प्रसिद्ध मंदिरों के प्रसाद की लैब में टेस्टिंग की जाएगी. इसका सीधा मकसद भक्तों को दिए जाने वाले प्रसाद में किसी भी तरह की मिलावट न हो इस आश्वस्त करना होगा. खास बात यह है कि इस दौरान मंदिर की रसोई और मंदिर परिसर में बनने वाले प्रसाद के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री को भी देखा जाएगा. किसी भी खाद्य पदार्थ में कोई भी मिलावट की गुंजाइश न रहे, इसके लिए समय-समय पर टेस्टिंग होगी।
इसके अलावा प्रसाद की सैंपल टेस्टिंग होगी और इसमें इस्तेमाल सामग्री की भी टेस्टिंग की जाएगी और प्रसाद बनाने के दौरान मॉनिटरिंग व्यवस्था भी तय की जाएगी. सतपाल महाराज ने तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट के प्रकरण को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें भी इस मामले में प्रसाद को लेकर अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना