ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, साइबर ठग पुलिस को लगातार चुनौती भी दे रहे हैं, साइबर ठगों का अब नया हथियार डिजिटल अरेस्ट बन चुका है, जिसके झांसे में आकर लोगों के बैंक अकाउंट खाली हो रहे हैं, बता दें की एक और ऐसा ही मामला नैनीताल जिले के हल्द्वानी से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को अपने जाल में फंसाकर चार लाख रुपए की ठगी कर ली. पीड़ित ने इस मामले की हल्द्वानी के मुखानी थाने में शिकायत की है….
पीड़ित ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि बीती 25 अप्रैल को उसके मोबाइल पर अननोन नंबर से कॉल आया था. कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उसकी आधार कार्ड आईडी से एक पार्सल ताइवान भेजा गया है, जिसे मुंबई कस्टम पुलिस ने पकड़ा है, जो पार्सल उन्होंने पकड़ा है, उसमें ड्रग्स, पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड आदिल गैर कानूनी सामग्री मिली है. आपको तत्काल मुंबई क्राइम ब्रांच में पहुंचकर अपना पक्ष रखना होगा, पीड़ित ने कहा कि उनका इतना जल्दी मुंबई क्राइम ब्रांच आना संभव नहीं है, जिसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने क्राइम ब्रांच के कथित अधिकारी से बात करते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड से चार बैंक अकाउंट अलग-अलग शहरों में खोले गए हैं, जिसमें हवाला और गैरकानूनी तरीके से करोड़ों रुपए का लेनदेन भी हुआ है, जिसमें कई बड़े अपराधी शामिल है।
यहीं नहीं साइबरों ठगों ने पीड़ित को कहा कि यदि इसकी खबर किसी और को लग गई तो आपकी पत्नी और बच्चों को खतरा हो सकता है. पीड़ित की शिकायत के अनुसार वीडियो कॉल करने वाले व्यक्ति पुलिस की वर्दी में थे और उन्होंने स्काइप पेज पर मुंबई क्राइम ब्रांच का लोगो लगा हुआ था, पीड़ित का शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने उसे ऑनलाइन बंधक बनाया और कहा कि आपके अपराध की पुष्टि हो गई है. वेरिफिकेशन के नाम पर आरोपियों ने पीड़ित से एसबीआई के अकाउंट में करीब 35 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रासफर करवाए. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित पर करीब 24 घंटे ऑनलाइन निगरानी रखी।
आखिर में पीड़ित को पूरी तरह से अपने जाल में फंसाकर साइबर ठगों ने फाइनेंशियल वेरिफिकेशन के नाम पर चार लाख रुपए ऑनलाइन अपने खाते में ट्रांसफर कराए और कहा कि ये चार लाख रुपए अगली सुबह आपके खाते में वापस हो जाएंगे. इसके बाद आरोपियों ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया, पीड़ित ने जब इस घटना का जिक्र अपने परिजनों के साथ किया तो उस व्यक्ति को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद ही पीड़ित ने मुखानी थाना में शिकायत दर्ज कराई. मुखानी पुलिस ने मामला साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना