पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुए थे. वोटिंग के तुरंत बाद ही मतगणना भी शुरू हो गई थी. इस बीच पीटीआई ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया….बता दें की पाकिस्तान में चुनाव के नतीजों के आने के बाद धांधली का आरोप लगाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पीटीआई के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के ‘समा टीवी’ की रिपोर्ट के मुताबिक लाहौर, रावलपिंडी, पेशावर में पुलिस के साथ पीटीआई समर्थकों की झड़प होने की खबरें हैं. पुलिस के प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने की भी खबरें आ रही हैं. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान चुनाव आयोग की ओर से जो नतीजे जारी किए गए थे, वो अब नजर नहीं आ रहे हैं. पाकिस्तान चुनाव आयोग की वेबसाइट बंद कर दी गई है। पाकिस्तान के चुनाव में किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. मगर पीपीपी के बिलावल भुट्टो और पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ एक गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री बनने की होड़ में शामिल हैं. पाकिस्तान के आम चुनाव में चुनाव चिह्न नहीं होने के बावजूद इमरान खान के समर्थक उम्मीदवारों ने 101 सीटें जीती हैं. जबकि नवाज शरीफ की पार्टी को 75 और बिलावल की पार्टी को 54 सीटें मिली हैं. पाकिस्तान चुनाव के नतीजों में सबसे आगे रहने के बाद अब इमरान समर्थकों ने फौज से इमरान खान समेत सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग की है।
लगे धांधली के आरोप
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और प्रांतीय चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के 67 घंटों बाद सभी सीटों पर वोटों की गिनती पूरी हो गई है. हालांकि अब तक चुनाव आयोग ने इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है. नतीजों में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. जेल में कैद इमरान खान की पार्टी PTI और बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP ने कई सीटों पर धांधली के आरोप लगाए थे।
सेना पर ही लगे आरोप
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं. इनमें से 265 सीटों पर चुनाव हुए. एक सीट पर चुनाव टाल दिए गए हैं, जबकि एक सीट NA-88 के नतीजों को खारिज कर दिया गया है. यहां 15 फरवरी को फिर से वोटिंग होगी. बाकी 70 सीटें रिजर्व हैं. पाकिस्तान में संघीय सरकार बनाने के लिए 134 सांसदों का बहुमत जरूरी है. पाकिस्तान में मुख्य रूप से 3 पार्टियों के बीच मुकाबला है. इनमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) शामिल हैं. फिलहाल सेना पर ही इस पूरी चुनावी धांधली का आरोप लगाया जा रहा है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना