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Uttarakhand” के सरकारी अफसरों का गजब का कारनामा, कागजों में जिंदा शख्स को मार डाला! बोला तहसील में पीड़ित- “मैं अभी जिंदा हूं…”

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Uttarakhand” में सरकारी दफ्तरों के ऐसे ऐसे कारनामे सामने आते हैं जो आपका सिर घुमा दें, जो सरकारी अफसरों की लापरवाही की पोल खोल कर देता है, आपको बता दें की एक और मामला लापरवाही का देखने को मिला है जहां पौड़ी के श्रीनगर में कोट ब्लॉक के नकोट गांव के गोविंद सिंह बिष्ट को उनकी खाता खतौनी (राजस्व अभिलेख) में मृत घोषित कर दिया गया है. इस बात का पता उन्हें तब चला, जब उनके भाई ने परिवार रजिस्टर की नकल निकाली. जिसमें गोविंद सिंह बिष्ट को मृत अंकित किया गया था. जबकि, गोविंद सिंह के पत्नी और बच्चों के नाम सही दर्ज किए गए हैं. अब पीड़ित गोविंद सिंह खुद को जीवित साबित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं वो बीते 9 महीने से श्रीनगर तहसील के चक्कर काट के थक चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक, पौड़ी जिले के कोट ब्लॉक के नकोट गांव के गोविंद सिंह बिष्ट लंबे समय से दिल्ली में निवास कर रहे थे. इसी बीच किसी काम से उनके भाई ने अपनी खाता खतौनी निकाली तो वो हैरत में पड़ गए. उसमें उनके बड़े भाई यानी गोविंद सिंह को मृत करार दिया गया था. जबकि, गोविंद सिंह अभी जिंदा हैं. इसके बाद उनके भाई ने आनन-फानन में इसकी जानकारी गोविंद सिंह को दी. जिसके बाद गोविंद इस गलती ठीक करवाने के लिए श्रीनगर पहुंचे. जहां उन्होंने इसकी शिकायत भी की।

श्रीनगर तहसील पहुंचे पीड़ित गोविंद सिंह बिष्ट (उम्र 70 वर्ष) का आरोप है कि राजस्व विभाग की एक गलती की वजह से वो तहसील के चक्कर काटने पर मजबूर हो गए हैं. वो बीती 9 महीने पहले भी शिकायत लेकर आए थे, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया है. जिससे वो मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं. उन्होंने राजस्व विभाग को सुधार न होने पर आंदोलन की धमकी दी है. इतना ही नहीं उन्होंने तहसील के सामने धरना भी दिया।

वहीं धीरज राणा, तहसीलदार, श्रीनगर ने कहा की “मामला उनके संज्ञान में आया है. इस पूरे मामले में जांच बैठा दी गई है. जांच के बाद सभी कागजातों को ठीक कर दिया जाएगा.”

 

(रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना)


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