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नैनीझील में फिर लौटी मंगुरा मछली की दहशत, पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर खतरा

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✍️ रिपोर्टर – अंकिता मेहरा | नैनीताल, 27 जून

उत्तराखंड की प्रसिद्ध नैनीझील एक बार फिर संकट में है। झील में दोबारा मांसाहारी और खतरनाक मंगुरा (कैट फिश) मछली दिखाई दी है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही नगर में हड़कंप मच गया है।

यह शिकारी मछली झील में रहने वाली अन्य मछलियों और जलीय जीवों के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। मंगुरा की प्रकृति अत्यधिक आक्रामक है, जो छोटी मछलियों और अन्य जलजीवों पर हमला करके उन्हें खा जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते इसे नहीं हटाया गया, तो झील की शाकाहारी मछलियों की आबादी समाप्त हो सकती है।

🔍 पहले भी बनी थी परेशानी

वर्ष 2008-09 में भी इस मछली के कारण बड़ा संकट खड़ा हुआ था। तब एक धार्मिक समूह ने इसे झील में छोड़ा था। उस समय तत्कालीन एल.डी.ए. सचिव धीरज गर्भयाल ने विशेषज्ञों और मछुआरों की मदद से 39 मंगुरा मछलियों को निकाल कर स्थिति नियंत्रित कर ली थी।

⚠️ अब फिर बढ़ा खतरा

अब एक बार फिर झील में इस मछली के दिखने से चिंता बढ़ गई है। जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजयनाथ शुक्ल ने कहा —

“हमें सूचना मिलते ही झील से मंगुरा को हटाने की योजना बना ली है। जल्द ही अभियान शुरू होगा।”

प्रशासन ने मत्स्य वैज्ञानिकों और पेशेवर गोताखोरों के सहयोग से तलाशी अभियान चलाने की तैयारी कर ली है। इसका मकसद झील की जैव विविधता, पर्यावरण संतुलन और पर्यटन पर आने वाले खतरे को टालना है।

🌊 पर्यावरणविदों की चेतावनी

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि मंगुरा का प्रसार बढ़ा तो झील में मौजूद सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और गोल्डन महाशीर जैसी शाकाहारी प्रजातियां पूरी तरह खत्म हो सकती हैं। इससे न सिर्फ झील का पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ेगा बल्कि इसका असर पर्यटन पर भी पड़ सकता है।

Rajeev Chawla


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