रिपोर्टर – अंकिता मेहरा
हल्द्वानी, 25 जून — हल्द्वानी में मंगलवार को दर्दनाक हादसे में एक नवजात समेत चार लोगों की मौत हो गई। रामपुर रोड से मंडी बाईपास को जोड़ने वाली लिंक रोड पर स्थित फायर ब्रिगेड कार्यालय के पास तेज बारिश के दौरान एक कार नहर में गिर गई। हादसे के बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और जांच के निर्देश दिए, लेकिन हादसे ने इलाके में बुनियादी सुरक्षा इंतज़ामों की पोल खोल दी है।

मृतकों में सितारगंज बरा निवासी एक दंपती, उनका नवजात शिशु और एक अन्य महिला शामिल हैं। परिवार एसटीएच हल्द्वानी से नवजात को लेकर घर लौट रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार तीव्र मोड़ पर कीचड़ और बारिश के कारण फिसलकर नहर में जा गिरी।
सुरक्षा इंतज़ाम नदारद
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मोड़ पर न तो कोई रेलिंग थी, न स्ट्रीट लाइट, और न ही चेतावनी बोर्ड। बरसों से क्षेत्रवासी इस स्थान की खतरनाक स्थिति को लेकर प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को अवगत कराते रहे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद अब अफसर घटनास्थल पर पहुंचे और जांच की औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं।
जनता में आक्रोश, सिस्टम पर सवाल
हादसे के बाद लोगों में गहरा रोष है। उनका कहना है कि यदि समय रहते क्रैश बैरियर और अन्य सुरक्षा उपाय किए गए होते तो शायद ये हादसा टल सकता था। होटल राज पैलेस से तीन पानी तक कुछ जगहों पर बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन हादसे वाले स्थान पर इन्हें आवश्यक नहीं समझा गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रभारी मंत्री रेखा आर्य ने घटना पर दुख जताया और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। पुलिस और प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, संभावित लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने की बात कही जा रही है।
अब उठ रहे हैं बड़े सवाल
स्थानीय लोग पूछ रहे हैं कि क्या महज जांच और शोक संदेश से भविष्य में ऐसे हादसे रुक सकेंगे? और कब लापरवाही के लिए जिम्मेदार तंत्र को कटघरे में खड़ा किया जाएगा?