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“जिले में गूंजा भाईचारे का संदेश: होली को लेकर मुस्लिम समाज ने बदला जुमे की नमाज का वक्त, साधु-संतों ने किया सराहना!”

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- भारत की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द्र का उदाहरण पूरी दुनिया देती है। इसी का एक अनोखा दृश्य धर्मनगरी हरिद्वार में देखने को मिला, जहां मुस्लिम समाज ने बड़ा दिल दिखाते हुए होली के मौके पर पड़ रही जुमे की नमाज का वक्त बदलने का फैसला लिया।

हरिद्वार में 14 मार्च को रंगों का पर्व होली धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी दिन रमजान के पवित्र महीने में पढ़ी जाने वाली जुमे की नमाज भी है। इसे लेकर प्रशासन और पुलिस भी पूरी तरह सतर्क है। इसी क्रम में हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों समुदायों के गणमान्य लोग शामिल हुए।

इस बैठक में जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आरिफ कासमी, मस्जिद कमेटी के सदस्य और अन्य जिम्मेदार मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे। आपसी सहमति से फैसला लिया गया कि सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय बदलकर दोपहर 2:30 बजे किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और भाईचारे की मिसाल कायम रहे।

मौलाना आरिफ कासमी का बयान:

“हमारे इलाके की अमन-शांति बहुत कीमती है। आज तक हिंदू-मुस्लिम के बीच कोई विवाद नहीं हुआ और जब भी कोई मसला आया, उसे आपसी समझ से सुलझा लिया गया। इसी परंपरा को कायम रखते हुए, सभी की सहमति से जुमे की नमाज का वक्त बदला गया है।”

संत समाज ने किया फैसले का स्वागत:

मुस्लिम समाज के इस कदम का हरिद्वार के साधु-संतों ने भी खुलकर स्वागत किया। महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा, “भारत में आपसी भाईचारा हमेशा से बना रहा है। यह फैसला सौहार्द्र और एकता का प्रतीक है और यह स्वागत योग्य पहल है।”

हरिद्वार में मुस्लिम समाज के इस निर्णय ने देश के गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरती को और मजबूत किया है। यह पहल सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश देती है और साबित करती है कि भारत में धर्म और आस्था से बढ़कर आपसी प्रेम और भाईचारा है।

 


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