ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- अंबेडकर पार्क में ठेले हटाने की मांग को लेकर दलित समाज के लोगों ने हाल ही में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर बने इस पार्क में ठेले लगाने से इसकी गरिमा पर आंच आती है और वे चाहते थे कि दीवाली के अवसर पर पार्क को सजा-संवारकर पर्व मनाया जाए।
धरना समाप्त होने पर नगर निगम प्रशासन द्वारा लिखित में आश्वासन दिया गया कि जल्द ही ठेलों को पार्क से हटा दिया जाएगा। आश्वासन मिलने पर दलित समाज के नेताओं ने इसे अपनी जीत माना और घोषणा की। कि इस बार वे दीवाली का पर्व इसी पार्क में मनाएंगे।
हालांकि, लिखित आश्वासन के बावजूद प्रशासन द्वारा ठेलों को अब तक हटाया नहीं गया है, जिससे लोगों में आक्रोश और असंतोष है। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रशासन ने उनके आश्वासन का पालन क्यों नहीं किया और क्यों अंबेडकर पार्क को ठेलों से मुक्त नहीं किया गया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशासन ने सिर्फ कागजी आश्वासन देकर मामले को शांत करने का प्रयास किया और वास्तविक रूप से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन जल्द ठेले नहीं हटाता, तो वे एक बार फिर आंदोलन को तेज करेंगे।
इस प्रकरण ने दलित समाज में गहरी नाराजगी और असमर्थन की भावना पैदा कर दी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते बाबा साहेब के नाम पर बने इस ऐतिहासिक पार्क की गरिमा कम हो रही है, जो न केवल दलित समाज बल्कि पूरे समाज के लिए चिंताजनक है।