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*1984 सिख विरोधी दंगा:- कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय, चलेगा हत्या का मुकदमा।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- 1984 सिख दंगा को आज तक लोग नहीं भूले हैं बता दें की आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय कर दिया है. अदालत ने कांग्रेस नेता के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में आरोप तय कर दिया है. CBI ने मामले में टाइटलर के खिलाफ 20 मई 2023 को चार्जशीट दाखिल की थी.

इससे पहले 19 जुलाई को विशेष न्यायाधीश राकेश सियाल ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में तीन लोग मारे गए थे. एक गवाह ने आरोप लगाया था कि टाइटलर 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक एंबेसडर कार से बाहर निकले और भीड़ को सिखों की हत्या करने के लिए उकसाया.

सीबीआई ने किया था यह दावा

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि सिख दंगा के दौरान पुल बंगश गुरुद्वारे के आजाद मार्केट इलाके में मौजूद जगदीश टाइटलर ने भीड़ को भड़काया था, जिसके बाद गुरुद्वारे में आग लगा दी गई है. इस हिंसा में ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह मारे गए थे. सीबीआई ने टाइटलर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 109 (भड़काना) और 302 (हत्या) का आरोप लगाया था.

सीबीआई को घटना के 39 साल टाइटलर के खिलाफ नए सबूत मिले थे. सीबीआई ने टाइटलर के भाषण के ऑडियो क्लिप को सीएफएसएल लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा था. सीएफएसएल लैब में टाइटलर के ऑडियो क्लिप का मिलान किया गया. माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति की आवाज कई साल बाद भी वैसी ही रहती है.

आवाज में दिक्कत तभी आती है जब स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वोकल कॉर्ड क्षतिग्रस्त हो जाता है. ऐसी स्थिति में आवाज में बदलाव की संभावना नहीं रहती है. इसलिए दंगा के 39 साल बाद टाइटलर की आवाज का जब मिलान किया गया तो स्थिति साफ हुई. 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद, दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में सिख समुदाय पर हमला किया गया था. देखते ही देखते यह हिंसा का रूप ले लिया था.

पीड़ित परिवार बोला- अब एक उम्मीद जगी है

अब इस मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी. पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि काफी सालों से इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं. अब एक उम्मीद जगी. हम बस इतना चाहते हैं कि हमे इंसाफ मिले. तो वहीं दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका ने कहा कि 40 साल की लड़ाई का यह बहुत बड़ा संघर्ष था और संघर्ष के बीच कई लोग आए और कई लोग इस जिंदगी से चले गए. हम लोग लगातार यह लड़ाई लड़ते रहे थे और आज जो राहत मिली है वो पीड़ित परिवार के लिए बड़ी राहत है. आने वाले समय में यह तय है कि जगदीश टाइटलर भी सज्जन कुमार की तरह जेल की सलाखों के पीछे होंगे।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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