ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड से क्रूरता की सारी हदें पार करने वाली घटना सामने आई है जहां एक बोर्डिंग स्कूल के प्रबंध निदेशक ने बच्चो के साथ बर्बरता कर डाली, बता दें की बिहार के एक अभिभावक चंद्रमा प्रसाद सिंह के अनुसार, उनके दोनों बच्चों को प्रबंध निदेशक द्वारा न केवल मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, बल्कि अवांछित शुल्क वृद्धि और शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को रोककर उनके भविष्य से भी खिलवाड़ किया गया…
देहरादून के रायपुर स्थित साईग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल के प्रबंध निदेशक पर बिहार निवासी अभिभावक ने अपने दोनों बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, तय शिक्षण शुल्क से अधिक फीस लेने, बच्चों के अंकपत्र व प्रमाणपत्र रोकने का आरोप लगाया है, अभिभावक ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी सोनिका, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष व सदस्य, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा है।
तकरीबन साढ़े नौ लाख रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया
बिहार के पटना के खेमनी चक निवासी चंद्रमा प्रसाद सिंह ने पत्र में कहा कि वर्ष 2016-17 में वैभव सिंह का पांचवीं और अमन सिंह का चौथी कक्षा में साईग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल में दाखिला कराया था। इस समय वैभव सिंह 12वीं और अमन सिंह 11वीं में है। दाखिले के दौरान चौथी से 12वीं तक का तय शुल्क डेढ़ लाख रुपये प्रति छात्र हास्टल व अन्य खर्च सहित स्कूल में जमा कराया, वर्ष 2023-24 सत्र में प्रबंध निदेशक ने तकरीबन साढ़े नौ लाख रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया। इसके बाद भी साढ़े आठ लाख रुपये अतिरिक्त शुल्क की मांग की जा रही है। स्कूल प्रबंधन से कई बार आनलाइन भुगतान व कुल शुल्क का विवरण मांगा, लेकिन नहीं दिया गया। अब एकमुश्त किस्त साढ़े आठ लाख की मांग पर अड़े हैं। जिसे नहीं देने पर दोनों बच्चों का स्थानांतरण प्रमाणपत्र, अंकपत्र रोक दिया।
आरोप लगाया कि हास्टल के कमरे में बच्चों के कपड़े उतारकर बंद रखा गया। साथ ही अश्लील हरकत की गई। इस बात को घर में न बताने के लिए धमकाया गया। इस संबंध में एसएसपी, एसपी सिटी, क्षेत्राधिकारी डोईवाला, थानाध्यक्ष रायपुर, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रायपुर, चौकी इंचार्ज मालदेवता को 10 अप्रैल को लिखित और 13 अप्रैल को ईमेल से शिकायत भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामले की जांच कर आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना