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*उत्तराखंड की मित्र पुलिस की शर्मनाक हरकत” कोतवाल ने महिला की छाती पर धक्का मारकर सड़क पर गिराया; कहां हैं अपने पुलिसकर्मियों की तारीफों के कसीदे पढ़ने वाले SSP साहब???*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले दानपुर के पास अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान एक ऐसी घटना देखने को मिली जो काफी निंदनीय है, आज जब प्रशासन के टीम रुद्रपुर के भगवानपुर कोलड़ा गांव के 40 परिवारों को उजाड़ने के लिए जेसीबी लेकर पहुंची तभी विधायक मौके पर पहुंच गए और पुलिस के साथ झड़प हो गई हालांकि एक दर्जन से ज्यादा घरों को जेसीबी से उठाया जा चुका था लेकिन विधायक के पहुंचते ही लोग आक्रामक हो गए और एक जैसी भी चालाक को पत्थर लगने से वह घायल हो गया जिसके बाद पुलिस ने कब को हिरासत में ले लिया लेकिन कुछ महिलाएं उसे युवक को छुड़ाने के मशक्कत करने लगे इसी बीच रुद्रपुर कोतवाल धीरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचकर महिला की छाती पर धक्का मार कर उसे हाइवे पर गिरा देते हैं, आज जो देखने को मिला उससे साबित होता है की ये मित्र पुलिस नहीं है बल्कि उत्तराखंड पुलिस के पुलिसकर्मी अब गुंडागर्दी पर आ गए हैं।

(रिपोर्ट:- साक्षी सक्सेना)

बता दें की दानपुर में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उधमसिंहनगर जिले के कोतवाल ने सारी हदें पार कर दी, कार्रवाई के दौरान मित्र पुलिस के कोतवाल ने महिला की छाती पर धक्का मारकर सड़क पर गिरा दिया, जिसने भी ये मंजर देखा देखकर हक्का बक्का रह गया, ये घटना उस समय घटित हुई जब रुद्रपुर विधानसभा के विधायक शिव अरोड़ा भी वहां पर मौजूद थे। बता दें की कई जगह तो भी देखने को मिला की पुलिसकर्मियों द्वारा महिला को घसीटा गया और बाल पकड़कर हटाया गया।

दरअसल दानपुर में हुए अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण को ध्वस्त करने पहुंचा था, इस दौरान लोगों ने भारी विरोध किया, वहीं आधे से ज्यादा अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया था, फिर विधायक शिव अरोड़ा वहां पहुंचे और लोगों को आश्वासन दिया कि अतिक्रमण नहीं होगा, लेकिन इस दौरान एक युवक पर आरोप लगा की उसने प्रशासन के एक कर्मी पर पत्थर मार दिया जिसको पुलिस हिरासत में लिए गया तो लोगों ने भारी विरोध करना शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिसकर्मियों और लोगों में भारी झड़प हो गई इस झड़प में महिला भी शामिल थी, इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने महिला की छाती पर धक्का मारकर सड़क पर गिरा दिया। जिसके बाद लोगों में और भी ज्यादा आक्रोश में आ गए, और विधायक शिव अरोड़ा के साथ भी पुलिस कर्मियों की झड़प देखने को मिली।

अब सवाल ये उठता है की भारत में नए कानून आने के बाद भी महिलाओं के साथ इस तरह की घटना वो भी एक पुलिसकर्मी द्वारा इस तरह की अभद्रता कहां तक सही है, जब अतिक्रमण स्थल पर महिला पुलिसकर्मी मौजूद थी तो क्यों कोतवाल ने अकेले मोर्चा उठाया क्यों इस तरह की घटना के समय वहां खड़ी महिला पुलिस कर्मी आगे नहीं आई, क्या ये महिला पुलिसकर्मी सिर्फ वहां तमाशा देखने को खड़ी थी, क्यों एक कोतवाल ने खुद अपने हाथों में कमान लेकर महिला के साथ इस तरह की अभद्रता की, क्यों महिला पुलिसकर्मी खड़े होकर तमाशा देखती रहीं। एसएसपी मंजूनाथ टीसी जब भी किसी घटना का खुलासा करते हैं तो वह अपने पुलिसकर्मियों के कसीदे पढ़ते हैं तारीफों के पुल बांधते हैं, लेकिन वहीं जिले में जब इस तरह का जब मौहाल बनता हैं तो पुलिस उग्र होकर इस तरह की अभद्रता करती है। इस घटना के बाद से लोगों में जिले की पुलिस के लिए अक्रोश है, लोग सख्त कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं, अब सवाल उठता है की क्या जिले के एसएसपी इस पर कार्रवाई करेंगे, और करेंगे तो किस तरह की कार्यवाही इस कोतवाल पर को जाएगी। अपने पुलिसकर्मियों की इस तरह की हरकत पर एसएसपी का क्या एक्शन होगा।


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