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*टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन का फाइनल सर्वे कार्य हुआ शुरू*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- सीमांत तराई क्षेत्र को पर्वतीय क्षेत्र से जोड़ने हेतु टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के फाइनल सर्वे का कार्य शुरू हो गया है। कई चरणों में हुए सर्वे के बाद कार्यदायी संस्था स्काई लार्क इंजीनियरिंग डिजाइनिंग प्राइवेट लिमिटेड की टीम टनकपुर से बागेश्वर की ओर जमीन का चिह्नीकरण कर पिलर लगाने का कार्य कर रही है। तीन माह में फाइनल सर्वे कर रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। इससे उम्मीद बढ़ गई है कि रेल लाइन जल्द ही डिजाइन से बाहर निकलकर आकार लेगी।

मिल रही जानकारी के अनुसार नोएडा की स्काई लार्क इंजीनियरिंग डिजाइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को रेलवे की ओर से सर्वे का कार्य सौंपा गया है। कंपनी के इंजीनियर योगेश बलूनी ने बताया कि इस ट्रैक को बनाने के लिए बीते तीन साल से सर्वे किया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे के अनुसार 169.99 किमी लंबी लाइन की अनुमानित लागत करीब 44140 करोड़ रुपये होगी। इसके लिए कुल 452 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जिसमें से निजी जमीन 27 हेक्टेयर है। रेल लाइन 65 टनलों से होकर गुजरेगी। जिसमें सबसे बड़ी टनल करीब 6 किलोमीटर लंबी होगी। इस ट्रेक के लिए कुल 135 पुल बनेंगे। जिसमें से 5 बड़े पुल होंगे। कंपनी की ओर से कई चरणों में सर्वे के तहत पहाड़ की टेस्टिंग, लेबल टेस्टिंग, रडार और ड्रोन से सर्वे के बाद अब पिलर लगाने का कार्य किया जा रहा है। लाइन बिछाने के लिए 40 मीटर चौड़ाई में जगह चिह्नित की जा रही है। यह रेल लाइन टनकपुर, पूर्णागिरि, चूका गांव, पंचेश्वर, दियूरी, अमौन, सुला, बरुला, मलार, नाली माली, हटोली, पगना, आदि स्टेशनों से होते हुए बागेश्वर तक पहुंचेगी। माना जा रहा है कि यह रेल लाइन शुरू होने के बाद सीमांत पहाड़ी क्षेत्र की दशा और दिशा बदल जाएगी। साथ ही कई दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने में भी यह रेलवे लाइन सहायक होगी।

रिपोर्ट: अनुज कुमार शर्मा 


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